नई दिल्ली . देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है. दिल्ली में हर रोज नए कोरोना मरीजों की पुष्टि हो रही है. दिल्ली में कोरोना वायरस के कारण मौतों का सिलसिला भी थमने का नाम नहीं ले रहा है. वहीं अब दिल्ली में मौत के मामले कम करने के लिए डॉक्टर्स की कमेटी बनाई गई है. कमेटी अस्पतालों की जांच कर सुझाव देगी.
दिल्ली में 1 जुलाई से 23 जुलाई, 2020 के दौरान जिन अस्पतालों में मरीजों के एडमिशन की तुलना में कोरोना से होने वाली मौत का प्रतिशत ज्यादा है, साथ ही 11 सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों के वार्ड में कोरोना से हुई मौत का प्रतिशत उच्च स्तर पर है, इसकी जांच के लिए दिल्ली सरकार ने विशेषज्ञों की टीम बनाई है.
वहीं सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, ‘दिल्ली में कोरोना के कारण होने वाली मौतों में कमी आई है, लेकिन इसे और कम करना होगा. हमने डॉक्टरों की चार समितियों का गठन किया है, जो इन अस्पतालों का निरीक्षण करके सुझाव देंगी. पहला, जहां अभी भी अधिक मौतें हो रही हैं और दूसरा, जहां वार्डों में ज्यादा मौतें हो रही हैं, यानि मरीज को समय पर आईसीयू नहीं ले जाया गया. स्वास्थ्य विभाग के जरिए जारी आदेश के मुताबिक विशेषज्ञों की चार कमेटी बनाई गई हैं. जिनमें से दो इंटरनल मेडिसिन और 2 एनेस्थीसिया से है. ये कमेटी संबंधित आवंटित अस्पतालों का निरीक्षण करेंगी और जांच करेगी कि कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए स्टैंडर्ड ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल फॉलो किए जा रहे हैं या नहीं.
साथ ही कमेटी के जरिए इस बात का भी आकलन किया जाएगा कि वार्ड में कोरोना से होने वाली मौत के उच्च प्रतिशत और कोरोना मरीजों की मौत के पीछे की वजह क्या है. जिन अस्पतालों के निरीक्षण के लिए कमेटी बनाई गई हैं उनमें फोर्टिस (ओखला), जीटीबी हॉस्पिटल, मैक्स साकेत, स्टीफेंस हॉस्पिटल, आरएमएल हॉस्पिटल, सर गंगाराम अस्पताल, सफदरजंग अस्पताल, लोक नायक अस्पताल, जयपुर गोल्डन हॉस्पिटल, श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टिट्यूट शामिल है.