नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार रेकॉर्ड स्तर तक बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के संक्रमण ने फिर अपने पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। पहली बार एक ही दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के 3,000 से अधिक मामले सामने आए हैं, जिसके साथ ही संक्रमितों की कुल संख्या 53 हजार के पार चली गई। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने स्वीकार किया कि कोरोना वायरस का संक्रमण खतरनाक स्तर से फैलता जा रहा है।


दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन के मुताबिक, दिल्ली में शुक्रवार को 3,137 नए मामलों के साथ ही संक्रमितों की संख्या 53,116 तक पहुंच गई। इसमें कहा गया है कि वहीं, पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 66 मरीज की मौत के साथ ही मृतकों का आंकड़ा 2,035 तक जा पहुंचा। इस बीच, आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में मरीजों के स्वस्थ होने की दर में भी सुधार हुआ है और 18 जून को यह दर 42.69 फीसदी रही। इससे पहले 13 दिन तक 40 फीसदी से नीचे ही रही थी। मामलों में वृद्धि होने के बीच दो सप्ताह में पहली बार कोविड-19 के मरीजों के स्वस्थ होने की दर 40 फीसदी के पार गई है।


दिल्ली सरकार के एक बड़े अधिकारी का रेकॉर्ड पॉजिटिव केसों की संख्या के बारे में कहना है कि ये संख्या इसलिए बढ़ रही है क्योंकि हम लोग टेस्टिंग में तेजी लाए हैं। उन्होंने कहा, ‘एक सप्ताह पहले तक हम प्रतिदिन केवल 5,000 नमूनों का परीक्षण कर रहे थे लेकिन अब यह दोगुना से अधिक हो गया है। यह एक अच्छी बात है और आगे किसी भी संक्रमण के प्रसार को सीमित करने के लिए और संपर्क ट्रेसिंग जैसी कार्रवाई करने में मदद करेगा।”


एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि जैसे-जैसे परीक्षण संख्या बढ़ती गई, उछाल के और अधिक दिखाई देने की संभावना है। उन्होंने कहा, ‘ ज्यादातर मरीज या तो बिना लक्षण वाले हैं या फिर हल्के लक्षण हैं। अबतक हमने अस्पताल में भर्ती होने या बीमारी के कारण होने वाली मौतों की संख्या में वृद्धि नहीं देखा।


कोविड- 19 मरीजों के लिए बेड की उपलब्धता के नए आंकड़ों के अनुसार फिलहाल 44% बेड खाली पड़े हैं। 601 वेंटिलेटर बेड में से, 41% खाली हैं। सरकारी अस्पतालों में, लोक नायक और गुरु तेग बहादुर (GTB) अस्पतालों में क्रमशः 1,301 और 1,237 खाली बिस्तर हैं। इन दोनों अस्पतालों में कुल कोविड-19 बेड 2,000 और 1,500 हैं। नए आंकड़ों की तरफ अगर गौर किया जाए तो लगभग अभी लोकनायक अस्पताल में 65% और गुरू तेग बहादुर अस्पताल में 82% बेड अभी भी खाली पड़े हैं।


एम्स झज्जर में 725 बेड हैं, जिनमें से 38% खाली हैं। प्राइवेट अस्पतालों की बात करें तो बत्रा और वेंकटेश्वर अस्पतालों में शुक्रवार को दिल्ली कोरोना ऐप के अनुसार अधिकतम 353 और 304 खाली बिस्तर हैं। दिल्ली मेडिकल काउंसिल के एक कार्यकारी सदस्य डॉ विनय अग्रवाल ने कहा, “जिस गति से नए मामले बढ़ रहे हैं, उसे देखते हुए यह स्थिति हमारे हाथों से निकल सकती है।’

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