नई दिल्ली . देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है. पिछले चौबीस घंटे में राजधानी में 1500 से अधिक नए मामले सामने आए हैं, जिसके साथ कुल मामलों की संख्या 32 हजार से अधिक हो गई है. दिल्ली सरकार का अनुमान है कि जुलाई के अंत तक राजधानी में 5 लाख से अधिक कोरोना वायरस के केस हो सकते हैं. ऐसे में राजधानी में अस्पताल में बेड समेत अन्य सुविधाओं को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. दिल्ली सरकार के द्वारा एक वेबसाइट लॉन्च की गई है, जिसपर सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में कोविड बेड/वेंटिलेटर के ताजा आंकड़े को अपडेट किया जाता है.
• दिल्ली में कोरोना स्पेशल कुल बेड: 9179
• भरे हुए बेड: 4927
• खाली बेड: 4252
• दिल्ली में कोरोना स्पेशल कुल वेंटिलेटर: 569
• भरे हुए वेंटिलेटर: 315
• खाली वेंटिलेटर: 254
कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर दिल्ली सरकार का अनुमान है कि अगर ऐसी ही रफ्तार रही तो राजधानी में 31 जुलाई तक साढ़े पांच लाख कोरोना वायरस के मामले होंगे. और तब अस्पतालों में करीब 80 हजार बेड की जरूरत होगी. साथ ही अगर दिल्ली वालों के साथ-साथ दिल्ली के बाहर के लोगों का इलाज भी दिल्ली में होता है, तो ये संख्या दोगुनी भी हो सकती है. ताजा अपडेट के मुताबिक, दिल्ली में कोरोना वायरस के कुल केस 32 हजार से अधिक हैं. जबकि मौत का आंकड़ा तेज़ी से 1000 की ओर बढ़ रहा है.
• दिल्ली में कोरोना के कुल केस: 32810
• एक्टिव केस: 19581
• ठीक हो चुके: 12245
• अबतक हुई मौत: 984
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पिछले दिनों में दिल्ली में लगाता बेड मिलने की समस्या सामने आई है, हालांकि अपडेट के मुताबिक करीब आधे बेड खाली हैं. अब उपराज्यपाल ने सभी अस्पतालों को निर्देश दिया है कि वो अपने मुख्य द्वार पर एक एलईडी में बेड के हालात का आंकड़ा दिखाएं, ताकि लोगों को जानकारी मिल सके. दूसरी ओर टेस्टिंग के मामले में भी दिल्ली में सवाल उठे हैं, दिल्ली सरकार का आंकड़ा ही दिखाता है कि पिछले कुछ दिनों में टेस्टिंग कम हुई है.