नई दिल्ली !  दुष्कर्म की शिकार पांच वर्षीया बालिका के गुम हो जाने के बाद प्राथमिकी दर्ज नहीं करने, उसे खोजने के लिए समुचित कदम उठाने में असफल रहने और सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश का पालन नहीं करने के लिए बचपन बचाओ आंदोलन (गैर सरकारी संगठन) ने सर्वोच्च न्यायालय में दिल्ली पुलिस पर अवमानना प्रक्रिया शुरू करने की याचिका दायर की है। याचिका पर 29 अप्रैल को सुनवाई हो सकती है।
याचिका में कहा गया कि प्राथमिकी दर्ज करने में दिल्ली पुलिस की असफलता और देर से आवेदन दर्ज करने के बाद भी समुचित कदम नहीं उठाना सर्वोच्च न्यायालय के 17 जनवरी के निर्देश का उल्लंघन है। याचिका में यह भी कहा गया कि बाद में पुलिस द्वारा बालिका के अभिभावकों को रिश्वत देकर मामला दबाने की कोशिश की गई।
याचिका में कहा गया कि यदि दिल्ली पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की होती तो गांधी नगर में पांच वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म की घिनौनी घटना टल सकती थी।
गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ने याचिका में कहा कि बालिका के गुम होने के तुरंत बाद उनके माता-पिता ने पुलिस को इसकी रिपोर्ट दी थी, लेकिन अपने लापरवाही भरे रवैये की वजह से पुलिस ने कई घंटे तक मामला दर्ज नहीं किया।
मुख्य न्यायाधीश अल्तमस कबीर ने 17 जनवरी को आदेश दिया था, “पुलिस थाने में बच्चे की गुमशुदगी के किसी भी मामले के लाए जाने पर उसकी प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए और समुचित कदम के साथ यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि उस पर तुरंत कार्रवाई की जाए।”

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