बिहार की लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की बेटी ने भी अब पिता के खिलाफ चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। गुरुवार को पासवान की बेटी आशा पासवान ने ऐलान किया कि अगर उन्हें राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) से टिकट मिलता है, तो वह हाजीपुर लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। बता दें कि पासवान इसी लोकसभा सीट से निर्वाचित होते रहे हैं।
‘चिराग को बढ़ावा दिया, बेटियों की अनदेखी’
एलजेपी प्रमुख पर केवल अपने बेटे और जमुई सांसद चिराग पासवान को बढ़ावा देने और खुद की अनदेखी का आरोप लगाते हुए आशा पासवान ने अपने पिता पर जमकर हमला बोला। आशा ने पासवान पर लड़कियों से हमेशा भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा, ‘मुझे तवज्जो नहीं दी गई, जबकि चिराग को एलजेपी संसदीय दल का नेता बना दिया गया। अगर आरजेडी मुझे टिकट देती है, तो मैं हाजीपुर से चुनाव लड़ूंगी।’ आशा रामविलास पासवान की पहली पत्नी राजकुमारी देवी की दो बेटियों में से एक हैं। पासवान की दूसरी पत्नी रीना पासवान से चिराग और एक बेटी है। पासवान ने 1981 में राजकुमारी को तलाक देने के बाद 1983 में रीना से शादी की थी।
अनिल साधु ने भी ठोकी थी ताल
आशा पटना में अपने पति अनिल साधु के साथ रहती हैं, जोकि एलजेपी की दलित सेना के प्रदेश अध्यक्ष थे। पासवान से मतभेदों के बाद इसी साल मार्च में उन्होंने एलजेपी से इस्तीफा देकर आरजेडी जॉइन की थी। साधु ने भी बुधवार को कहा था कि वह अपने ससुर के खिलाफ हाजीपुर से चुनाव लड़ना चाहते हैं।
पासवान के दामाद अनिल साधु ने कहा, ‘अगर आरजेडी ने मुझे या मेरी पत्नी आशा पासवान को टिकट दिया, तो निश्चित रूप से हम पासवान परिवार के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरेंगे।’ अनिल ने पासवान पर खुद के अपमान का आरोप लगाते हुए कहा, ‘उन लोगों ने (पासवान परिवार) केवल मेरी बेइज्जती नहीं की है, बल्कि एससी/एसटी (अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति) का भी अपमान किया है। दलित उनके बंधुआ मजदूर नहीं हैं।’
मार्च में आरजेडी में शामिल हुए थे साधु
2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में अनिल साधु ने एलजेपी के टिकट पर मुजफ्फरपुर की बोचहा सीट से चुनाव लड़ा था लेकिन उन्हें शिकस्त झेलनी पड़ी थी। साधु इसी साल मार्च में तेजस्वी यादव की एक जनसभा के दौरान आरजेडी में शामिल हुए थे। आरजेडी का दामन थामते हुए अनिल ने पासवान पर दलितों के हितों की अनदेखी का आरोप लगाया था।
बिहार में एलजेपी का एनडीए के साथ गठबंधन है। 2014 के लोकसभा चुनाव में एलजेपी ने राज्य की 40 में से 6 सीटों पर कामयाबी हासिल की थी। राज्य में इस बार सीटों के बंटवारे पर एनडीए के अंदर तस्वीर साफ नहीं है। जेडीयू के अलावा आरएलएसपी ने भी ज्यादा सीटों की डिमांड को लेकर बीजेपी पर दबाव बनाया हुआ है।