भदोही। उत्तरप्रदेश के भदोही जिले की एक अदालत ने दहेज हत्या के एक मामले में मां-बेटे को दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है। मामला साल 2018 का है, जब मृतका की सास और पति ने उसे दहेज के लिए जिंदा जला दिया था। इसके बाद उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी।
अभियोजन पक्ष के वकील दिनेश पांडे ने बताया है कि प्रयागराज जिले के हंडिया निवासी धर्मराज प्रजापति ने 12 अक्टूबर 2018 को भदोही शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था कि उनकी बेटी पूनम को दहेज की मांग पूरी ना होने पर उसके ससुराल के लोगों ने चार अक्टूबर 2018 को जला दिया था और एक हफ्ते बाद वाराणसी के अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी।
उन्होंने बताया है कि इस मामले में पुलिस ने पूनम के पति, देवर, सास और तीन ननद समेत कुल छह लोगों के खिलाफ दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज किया था। मामले की जांच में पुलिस ने ननदों को क्लीन चिट देते हुए पूनम के पति अजीत प्रजापति और सास चंद्रावती के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था, जबकि पूनम के देवर के नाबालिग होने के कारण उसका मामला अभी किशोर न्यायालय में विचाराधीन है।
पांडे ने आगे जानकारी देते हुए बताया है कि जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद सोमवार को अजीत और उसकी मां चंद्रावती को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास और 15-15 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। जिसके बाद पीड़ित परिवार ने पुलिस प्रशासन और न्याय व्यवस्था का शुक्रिया अदा किया है।