ग्वालियर। भिण्ड जिले के बरासों थाना क्षेत्र के ग्राम गोहरा में दबंगों के आतंक के कारण एक 11 सदस्यीय दलित परिवार अपना पुश्तैनी मकान व जमीन छोडकर खुले आसमान के नीचे टेंट लगाकर भिण्ड के जिला उद्योग केन्द्र कार्यालय के पास अपनी व अपने परिवार की जिन्दगी बसर कर रहा है। अपनी बेटी की आबरु बचाना दलित परिवार को काफी महंगा साबित हो रहा है।
भिण्ड जिले के ग्राम गोहरा निवासी पीडित दलित अबिलाख बाल्मीक ने बताया कि 19 मार्च 2015 को उसकी 11 वर्षीय लडकी जब खेत से घर वापस आ रही थी तभी गांव के ही मुल्लेसिंह ने उसे रास्ते में पकड लिया और उसके साथ दुष्कर्म करने का प्रयास करने लगा तभी गांव के कुछ लोग जो रास्ते से निकल रहे थे उनको देखकर उसने लडकी को छोड दिया। जब लडकी दबंग युवक के कब्जे से छूटकर घर पहुंची तो सारी घटना परिजनों को बताई। दलित परिवार के लोग जब युवक के घर शिकायत लेकर पहुंचे तो उन्होंने परिवार के लोगों की मारपीट कर दी और धमकी दी कि आज ही पूरा परिवार गांव छोड जाए। पीडित परिवार गांव के पंचों की शरण में गया तो दबंगों के कारण उन्होंने भी अपने हाथ खडे कर लिए। जब दबंग परिवार को यह जानकारी मिली कि पंचों पर भी घटना की जानकारी पहुंच गई है तो दबंगों का परिवार पीडित के घर गया और परिवार के सभी सदस्यों को घर से बाहर खींचकर मारा। गम्भीर रुप से घायल अपना इलाज कराने के बहाने गांव से निकले और बरासों थाने पहुंचे जहां दबंगों की रिपोर्ट दर्ज कराई। बरासों थाना पुलिस ने हरिजन एक्ट, लडकी के साथ छेडछाड का मामला तो दर्ज किया नहीं बल्कि मामूली मारपीट का अपराध दर्ज कर शांत बैठ गई।
अबिलाख ने बताया कि दबंगों का आतंक और पुलिस द्वारा भी कोई मदद नहीं मिलने पर वह अपने पूरे परिवार के साथ गांव छोडकर अपनी जिन्दगी छुपकर दी रहा है। उसका पुश्तैनी मकान व 10 बीद्या जमीन को देखने वाला आज कोई नहीं है। आरोपी मुल्ले सिंह, गोलू सिंह व करु सिंह से आज भी दलित परिवार भयभीत है।
पीडित अबिलाख बाल्मीक ने बताया कि उसका परिवार कई पुश्तों से गोहरा गांव में रह रहा था। 17 साल पहले आरोपियों के परिवार के सदस्यों द्वारा मुस्लिम परिवार की बेटी व बहू के साथ कुकर्म किया गया था। तब उक्त मुस्लिम परिवार के मुखिया सुबराती खान द्वारा एक ही परिवार के केशवसिंह 62 वर्ष, शोभरन सिंह 45 वर्ष, श्यामबरन सिंह 30 वर्ष व तीरजधुज सिंह 22 की 29 नवम्बर 1998 को गोली मारकर हत्या कर दी थी। आज सुबराती जेल में सजा भुगत रहा है। एक आरोपी मुल्लेसिंह उसी परिवार का सदस्य है।
पुलिस अधीक्षक नवनीत भसीन ने बताया कि दलित परिवार के साथ जो घटना घटी है उसकी जांच मेहगांव के एसडीओपी बीके माहौर को सौंपी गई है। जांच के बाद कार्यवाही की जाएगी।

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