वॉशिंगटन. दक्षिण चीन सागर में चीन के दावे वाले द्वीपों के पास अमेरिका का जंगी बेड़ा पहुंचा। दो अमेरिकी अधिकारियों ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि जहाजों पर गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर और गाइडेड मिसाइल क्रूजर लगे थे और ये पार्सेल आईलैंड के करीब 12 नॉटिकल मील की दूरी पर थे। बता दें कि दक्षिण सागर चीन के इलाके पर चीन दावा करता है। अमेरिका इसे समुद्री आवागमन की स्वतंत्रता को सीमित करने का कदम कहता है और अक्सर इस तरह के अभियानों के जरिए विरोध जाहिर करता है।

– अमेरिकी अफसरों ने नाम ना जाहिर करने की शर्त पर बताया कि ट्री, लिंकन, ट्रिटन और वुडी आईलैंड के पास अमेरिका के जंगी बेड़ों ने अभ्यास किया।
– इस तरह के अमेरिकी अभियानों की आलोचना करने वालों का कहना है कि इनका चीन के व्यवहार पर बेहद कम असर पड़ेगा, वास्तव में ये अभियान सांकेतिक ज्यादा हैं। बता दें कि अमेरिका ने इन अभियानों को फ्रीडम ऑफ नेविगेशन का नाम दिया है।

अमेरिका ने सबसे बड़े समुद्री सैन्याभ्यास में भी चीन को शामिल नहीं किया
– हाल ही में अमेरिका ने 2018 में होने वाले सबसे बड़े समुद्री सैन्याभ्यास में चीन को शामिल नहीं किया है। इसके लिए चीन को न्योता भेजा गया था, लेकिन पेंटागन ने इसे ये कहकर वापस ले लिया कि चीन का व्यवहार इस ट्रेनिंग के मकसद और नीतियों के खिलाफ है। इस सैन्याभ्यास को रिम ऑफ द पैसेफिक कहा जा रहा है। इसमें ब्रिटेन और भारत समेत दुनिया के 20 देश शामिल होते हैं।

अमेरिका-चीन में तनाव बढ़ने की आशंका
– इस तरह के ऑपरेशन की योजना कई महीने पहले तैयार होती है और अब ये इस इलाके में लगातार हो रहे हैं। माना जा रहा है कि ये अभियान चीन और अमेरिका के बीच तनाव को और बढ़ाएंगे। ये अभियान उस नाजुक वक्त में अंजाम दिया गया है, जो विश्व की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाएं के बीच व्यापारिक विवाद चल रहा है और डोनाल्ड ट्रम्प ने उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन से मुलाकात रद्द कर दी है।

चीन ने किया था इलाके में युद्धाभ्यास
– इस महीने के शुरुआत में चीन की वायुसेना ने विवादित द्वीपों पर अपने युद्धक विमान उतारे थे। चीन ने इसे ट्रेनिंग एक्सरसाइज बताया था, लेिकन इस कदम से वियतनाम और फिलीपींस की चिंताएं बढ़ गई थीं।
– इसी महीने 12 महीने को सामने आई सेटेलाइट इमेज में िववादित वुडी आईलैंड पर चीन की जमीन से हवा में मार करने वाली और एंटी-शिप क्रूज मिसाइलें नजर आई थीं।

90 फीसदी इलाके पर चीन करता है दावा
– चीन तेल और प्राकृतिक गैस के बड़े भंडार वाले दक्षिण चीन सागर के 90 प्रतिशत क्षेत्र पर अपनी दावेदारी पेश करता है। दूसरी ओर इस इलाके पर ब्रुनेई, मलेशिया, फिलीपींस, वियतनाम और मलेशिया भी अपना दावा करते हैं।

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