आत्म हत्या करने से पूर्व प्रधान आरक्षक रामकुमार शुक्ला ने पुलिस अधीक्षक अनिल सिंह कुशवाह, अपनी पत्नी श्रीमती लीलावती व अपने पुत्र आकाश शुक्ला को बताया था कि रौन थाने के थाना प्रभारी सुरेन्द्र सिंह गौर उसे काफी प्रताडित कर रहे है। सार्वजनिक रुप से गालिया देकर अपमानित करते है। पुलिस अधीक्षक को मोबाईल पर टीआई गौर की शिकायत की तो पुलिस अधीक्षक ने प्रधान आरक्षक को ही लाइन अटैच कर दिया। प्रधान आरक्षक रामकुमार शुक्ला ने पुलिस अधीक्षक अनिल सिंह कुशवाह को साफ बोल दिया था कि वह अब जिन्दा पुलिस लाइन में नहीं आएगा उसकी लाश ही आएगी। रामकुमार शुक्ला की बात को पुलिस अधीक्षक ने गंभीरता से लिया होता तो शायद ये हादसा नहीं होता।
आत्म हत्या करने वाले प्रधान आरक्षक रामकुमार शुक्ला ने बताया था कि वह 6 माह से बीमार चल रहा है उसका लीवर खराब होने से वह प्रतिमाह 6 हजार रुपए की दवा खा रहा है। बीमारी का हवाला देकर 2 अक्टूबर को सफाई करने से इनकार कर दिया था। इस पर रौन थाना प्रभारी उससे और ज्यादा नाराज हो गए और टीआई गौर ने उसकी डंडे से पिटाई कर दी। इससे आहत हवलदार ने सल्फॉस की गोलियां खा लीं। गंभीर अवस्था में हवलदार को ग्वालियर इलाज के लिए भेजा गया जहां रात्रि को उसकी मौत हो गई।
महात्मा गांधी की जयंती पर रौन थाने में सफाई के दौरान टीआई सुरेंद्र सिंह गौर और हवलदार रामकुमार शुक्ला के बीच विवाद हो गया। विवाद के बाद हवलदार ने जहर खा लिया। तबीयत बिगड़ने पर हवलदार को इलाज के लिए पहले भिंड फिर ग्वालियर रेफर किया गया था।
प्रधान आरक्षक रामकुमार शुक्ला की मौत हो जाने पर पुलिस अधीक्षक अनिल सिंह कुशवाह ने आज रौन थाना प्रभारी सुरेन्द्र सिंह गौर को रौन थाने से हटाकर पुलिस लाइन अटैच कर दिया है।
प्रधान आरक्षक रामकुमार की पत्नी श्रीमती लीलावती का कहना था कि रौन थाना प्रभारी सुरेन्द्र सिंह गौर की प्रताडना व पुलिस अधीक्षक द्वारा उनके पति की शिकायत को गंभीरता पूर्वक नहीं सुनने पर इन दोनों अधिकारियों पर हत्या का मामला दर्ज किया जाए। पुलिस अधीक्षक अनिल सिंह कुशवाह अगर मेरे पति की फरियाद पर कार्यवाही करते तो शायद यह हादसा नहीं होता। मेरे पति की मौत के लिए दोनों अधिकारी जिम्मेदार है। जो निर्णय पुलिस अधीक्षक ने आज लिया है वह कल ही ले लेते तो यह घटना नहीं होती।