भोपाल। कस्टम-सेंट्रल एक्साइज विभाग की खुफिया विंग ने चीनी सामान आयात कर देशभर में ऑनलाइन व्यापार में करोड़ों रुपए की टैक्स चोरी का खुलासा किया है। भोपाल में मिली एक गोपनीय सूचना के आधार पर अधिकारियों के दल ने मुंबई में छापामार कार्रवाई कर प्रारंभिक जांच में 15 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी पकड़ी है।
पर्दे के पीछे रहकर कंपनी ने सवा साल में 300 करोड़ रुपए का चीनी सामान बिना बिल के ऑनलाइन बेच डाला।
विभाग की खुफिया विंग वस्तु एवं सेवाकर आसूचना महानिदेशालय (डीजीजीआई) की भोपाल आंचलिक इकाई ने इस फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ किया है। डीजीजीआई के अतिरिक्त महानिदेशक नवनीत गोयल का कहना है कि देश में इस तरह के और भी मामले हो सकते हैं, संदिग्ध मामलों की खोजबीन चल रही है।
उन्होंने बताया कि आश्चर्य है कोई भी कंपनी बिना जीएसटी का भुगतान किए सवा साल में 300 करोड़ रुपए का ऑनलाइन कारोबार कर ले और सरकार को टैक्स भी न दे। इस मामले में कुरियर कंपनी ‘ब्ल्यू डार्ट” के खिलाफ भी प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है। इस कुरियर कंपनी ने बिना बिल (इनवाइस) के देश के सभी शहरों में माल पहुंचाया। बिल के संबंध में जब पूछताछ की तो गलत जानकारी दी।
फर्जीवाड़े को ऐसा दिया अंजाम
चीन की कंपनी ‘शीन डॉट कॉम” की वेबसाइट पर लड़कियों के फैशनेबल कपड़े और अन्य सामान के विज्ञापन देकर आर्डर बुक किए जा रहे थे। आर्डर बुक होते ही ग्राहक को भारतीय मुद्रा में भुगतान करना होता था। सामान चीन की कंपनी ‘शीन डॉट कॉम” भेजती थी, लेकिन भुगतान की रकम पर्दे के पीछे मौजूद भारतीय कंपनी ‘सायनो इंडिया ई टेल प्राइवेट लिमिटेड” के खाते में चली जाती थी।
संचालकों ने माना गुनाह
चाक-चौबंद अधिकारियों ने जब मुंबई स्थित ‘सायनो इंडिया” कंपनी के संचालक राजू बांगड़ और विनय सिंह के सामने कच्चा चिट्ठा रखा तो एक घंटे में ही दोनों टूट गए। कंपनी के खिलाफ प्रारंभिक छानबीन में 15 करोड़ रुपए की वसूली निकली है।
दोनों संचालकों ने 2 करोड़ रुपए तुरंत विभाग में जमा भी करा दिए। इस कंपनी ने चीन की कंपनी से माल बेचने का करार किया है। सारा सामान ‘एयर शिपिंग” से भेजा जाता था, लेकिन ग्राहक के घर जब सामान पहुंचता था, उसमें पूरा बिल नहीं रहता था।
फिल्मी अंदाज में छापा
डीजीजीआई के 15 अधिकारियों ने फिल्मी अंदाज में इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। यहां तक कि विभाग की मुंबई यूनिट को भी इसकी भनक नहीं लग पाई। छापामारी दो दिन चली, रविवार देर रात टीम भोपाल लौटी।
50 शहरों से जुटाए साक्ष्य
डीजीजीआई को गोपनीय सूचना के आधार पर इस फर्जीवाड़े की जानकारी मिली। अधिकारियों ने जयपुर, दिल्ली, नोयडा, फरीदाबाद, कानपुर, हिसार, ग्वालियर, जबलपुर और बेंगलुरु सहित करीब 50 शहरों में इस चीनी कंपनी से सामान मंगाया। सामान और बिल के संबंध में ईमेल पर सवाल-जवाब भी कराए। जब पुख्ता सुबूत जुट गए तो कंपनी पर धावा बोल दिया।