छिंदवाड़ा। मप्र के छिंदवाड़ा में तीन साल की एक मासूम बच्ची का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म के बाद जघन्य हत्या के आरोपी को दोषी पाते हुए गुरुवार को दोहरे मृत्युदंड (फांसी) की सजा सुनाई गई। कोर्ट ने 116 दिन में सुनवाई कर यह फैसला सुनाया। सह आरोपी को भी दंडित किया गया।
विशेष न्यायालय (पाँक्सो एक्ट) अमरवाडा (छिंदवाडा) के आरोपी रितेश उर्फ़ रोशन धुर्वे उम्र 22वर्ष को धारा 366 भादवि मे 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000 रू का अर्थदंड, धारा 201 भादवि में 7 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000 रू का अर्थदंड, धारा 302 में मृत्युदंड की सजा एवं 500 रू के अर्थदंड से दंडित किया तथा लैंगिक अपराधो से बालको के संरक्षण अधिनियम की धारा 5(m),6 में मृत्युदंड की सजा से दंडित किया गया है।
इसी तरह सह आरोपी धनपाल उईके को धारा 201 भादवि में 7 वर्ष का सश्रम कारावास और 2000 रू तथा लैंगिक अपराधो से बालको के संरक्षण अधिनियम की धारा 16,17 में 7 वर्ष का सश्रम कारावास और 2000 रू के अर्थदंड से दंडित किया गया।
मामले में शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजन अधिकारी समीर कुमार पाठक, संजय शंकर पाल, दिनेश कुमार उईके, लोकेश कुमार घोरमारे के द्वारा प्रभावी ढंग से पैरवी करते हुये अभिलेख पर आये साक्ष्य एवं विभिन्न न्यायिक दृष्टांत को न्यायालय के समक्ष पेश कर आरोपियो को मुत्युदंड से दंडित करने का निवेदन किया गया था।
मामले में संचालक लोक अभियोजन म0प्र0 भोपाल विजय यादव संयुक्त संचालक एल0एस0 कदम के द्वारा सतत निगरानी एवं वी0सी0 से समीक्षा की जा रही थी।
यह था मामला
मामला इस प्रकार हैं कि लगभग चार महीने पहले दिनांक 17/7/20 को थाना अमरवाडा में सूचना प्राप्त हुई की करीब तीन वर्ष की एक बच्ची खेलते समय कही गुम हो गई है। प्रकरण की गम्भीरता को देखते हुये पुलिस अधीक्षक विवेक अग्रवाल द्वारा एस आईटी का गठन किया गया था और घटना की जानकारी देने वालो के लिए 10000 रू के पुरस्कार की घोषणा भी की गई थी।
मामले में तत्कालीन थाना प्रभारी शशि विश्वकर्मा के द्वारा अन्वेषण प्रारम्भ किया गया था। विवेचना के दौरान लगातार पूछताछ में पुलिस को पता चला कि घटना दिनांक और समय को मृत्तिका बालक के पडोस में रहने वाला रितेश धुर्वे और धनपाल उईके अपने घर पर नही थे, संदेह के आधार पर रितेश उर्फ रोशन धुर्वे से पूछताछ की गई जिसने घटना कारित करना स्वीकार किया और बताया कि घटना दिनांक को बच्ची को घर के सामने खेलते समय 10 रू का नोट दिखाकर अपने पास बुलाया और बकरी बाँधने के कोठे में ले जाकर बच्ची के मुँह में कपड़ा बाँधकर बलात्कार किया जिससे मृत्तिका बालक की मौत हो गई। इसके बाद सह आरोपी धनपाल के साथ मिलकर मृतका के शव को बोरी में भरकर मोटर साईकिल MP28 MH 3176 से छोटा तालाब के पास माई के चबूतरा के पास माचा गोराडेम में फेक दिया। विचारण के दौरान अभियोजन के द्वारा 31 साक्षियो का न्यायालय के समक्ष परिक्षण कराया गया था।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जताई थी गहरी नाराजगी
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस दरिंदगी वाली घटना पर कड़ी नाराजगी जताई थी और डीजीपी विवेक जौहरी से कहा था कि बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म और मौत की घटना में शामिल आरोपियों का मामला फास्ट ट्रैक में ले जाकर इस जघन्य अपराध के लिए फांसी की सजा दिलाएं।