भोपाल। चुनाव की आचार संहिता लागू होने के बाद से अब तक प्रदेश में तीन करोड़ रुपए से ज्यादा की अवैध नकदी जब्त हो चुकी है। इसी तरह पौने तीन करोड़ रुपए की शराब, 14 लाख रुपए के मादक पदार्थ और सवा करोड़ रुपए से ज्यादा के वाहन और हथियार भी जब्त किए जा चुके हैं।
मतदाता सूची में नाम जुड़वाने का काम नामांकन दाखिले के अंतिम दिन से दस दिन पहले तक चलेगा। अभी तक नाम जोड़ने, हटाने और संशोधन के लिए सात लाख आवेदन मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय को जिलों के माध्यम से मिले हैं। उधर, चुनाव याचिका की वजह से उलझी 24 विधानसभा क्षेत्रों की ईवीएम और वीवीपैट का इस्तेमाल लोकसभा चुनाव में होगा। हाईकोर्ट ने इसकी इजाजत दे दी है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांताराव ने पत्रकारवार्ता में बताया कि दस मार्च को आचार संहिता लागू होने के साथ ही पूरे प्रदेश में अवैध नकदी, शराब, मादक पदार्थ, वाहन और हथियारों की धरपकड़ का अभियान चल रहा है। एक लाख 17 हजार 215 लीटर अवैध शराब जब्त की गई है।
कुल मिलाकर सात करोड़ 60 लाख रुपए मूल्य की अवैध शराब, नकदी, मादक पदार्थ, वाहन और हथियार जब्त किए जा चुके हैं। मतदाता सूची में नाम जोड़ने का काम हर चरण में नामांकन की अंतिम तारीख से दस दिन पहले तक चलेगा। अभी तक नाम जोड़ने के लिए 3.64 लाख, हटाने के 71 हजार 875, संशोधन के लिए एक लाख 46 हजार और विधानसभा क्षेत्र में निवास परिवर्तन के लिए 25 हजार 806 आवेदन मिले हैं। एक अप्रैल से सभी जिलों में मतदाता परिचय पत्र उपलब्ध कराने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। वहीं, मतदाता जागरुकता के लिए सोशल मीडिया के जरिए साप्ताहिक गतिविधियां चलाई जाएंगी। इसके लिए कैलेंडर का सोमवार को विमोचन किया गया।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि एक जनवरी से अभी तक तीन हजार 715 शिकायतें मिली हैं। इनमें से तीन हजार 73 का निराकरण भी हो चुका है। राजनीतिक दलों से 323 शिकायतें मिली थीं, इनमें सिर्फ 57 ही कार्रवाई के लिए बची हैं।
चुनाव में इस्तेमाल की जाने वाली ईवीएम और वीवीपैट की पहले चरण की जांच का काम पूरा हो चुका है। प्रदेश में एक लाख दो हजार 83 बैलेट यूनिट, 82 हजार 501 कंट्रोल यूनिट और 84 हजार 311 वीवीपैट उपलब्ध हैं। जिलों को मशीनों का आवंटन 28 से 30 मार्च के बीच किया जाएगा।
मध्यप्रदेश संवर्ग के 106 आईएएस और आईपीएस अफसर दूसरे राज्यों में चुनाव कराने जाएंगे। इन्हें चुनाव आयोग ने अपना पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। इसके अलावा 35 राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों को भी इस काम के लिए चुना गया है।
चुनाव आयोग ने मतपत्र में उम्मीदवार का फोटो देने के लिए पूर्व के निर्देशों में संशोधन किया है। यदि अब उम्मीदवार एक अतिरिक्त फोटो मतपत्र में प्रकाशित करने के लिए नहीं देता है तो नामांकन में चस्पा की गई फोटो को स्कैन करके लगाया जाएगा।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि आयोग ने शपथ पत्र में संशोधन कर कुछ जानकारियां देना और अनिवार्य कर दिया है। अब उम्मीदवार को विदेशी बैंकों के खाते के साथ विदेश में किए निवेश की जानकारी भी देनी होगी। सरकारी देनदारी बताने के साथ पांच साल के आयकर रिटर्न का विवरण भी देना पड़ेगा। शपथ पत्र के हर पेज पर अभ्यर्थी को हस्ताक्षर करने के साथ नोटरी से सत्यापन कराकर उसकी सील भी लगवानी होगी।