टीवी इंडस्‍ट्री से साल 2020 में एक और बुरी खबर आई है। ‘तारक मेहता का उल्‍टा चश्‍मा’ शो के एक राइटर अभ‍िषेक मकवाना की मौत हो गई है। उन्‍होंने सूसाइड किया है। अभ‍िषेक ने मरने से पहले एक सूइसाइड नोट भी छोड़ा है, जिसमें उन्‍होंने ‘आर्थ‍िक तंगी’ को कारण बताया है। राइटर की फैमिली ने इसके लिए साइबर धोखाधड़ी और ब्‍लैकमेलिंग को कारण बताया है।

अभ‍िषेक मकवाना के परिवार का आरोप है कि राइटर के साथ साइबर धोखाधड़ी हुई और उन्‍हें ब्‍लैकमेल भी किया गया। अभ‍िषेक ने बीते हफ्ते आत्‍महत्‍या की थी। परिवार का कहना है कि अभ‍िषेक की मौत के बाद भी धोखाधड़ी करने वाले उन्‍हें फोन कर रहे हैं। परिवार के मुताबिक, ये लोग पैसे मांग रहे हैं, क्‍योंकि अभ‍िषेक ने उन्‍हें कर्ज में गारंटर बनाया था।

27 नवंबर को मिली थी अभ‍िषेक की लाश
चारकोप पुलिस ने मामले में दुर्घटना के कारण मौत का मामल दर्ज किया है। 37 साल के अभ‍िषेक का शव कांदि‍वली स्‍थ‍ित उनके फ्लैट से 27 नवंबर को मिला। उनका शव सीलिंग से लटका हुआ था। पुलिस अभ‍िषेक के परिवार का बयान दर्ज कर लिया है। उनके भाई जेनिस ने खुलासा किया है कि अभ‍िषेक के ईमेल्‍स से यह बात साफ होती है कि उनके साथ पैसों को लेकर धोखाधड़ी हुई है। अभ‍िषेक के सूइसाइड नोट में भी इन बातों का जिक्र है कि वह बीते कई महीनों से आर्थ‍ित तंगी से जूझ रहे थे।

कर्ज देने वाले अब कर रहे हैं फोन
हमारे सहयोगी ‘मुंबई मिरर’ से बातचीत में जेनिस ने कहा कि जब अभ‍िषेक की मौत हुई तब वह अहमदाबाद में थे। रविवार को उन्‍हें पता चला कि उनका भाई जालसाजी का श‍िकार हुआ है, क्‍योंकि उन्‍हें कर्ज देने वालों के फोन कॉल्‍स आने लगे। वो सभी पैसे मांग रहे थे। जब जेनिस ने उनसे कहा कि उनके भाई का निधन हो गया है और परिवार इस स्‍थ‍िति में नहीं है कि पैसे लौटा सके तो कर्जदारों ने उन्‍हें फोन पर धमकी और गालियां भी दीं।

बांग्‍लादेश, म्‍यांमार से आए फोन
जेनिस कहते हैं, ‘मैंने भाई के ईमेल्‍स चेक किए, क्‍योंकि जब से उनकी मौत हुई है मुझे पैसों के लिए बहुत सारे फोन कॉल्‍स आ रहे हैं। इनमें से एक फोन कॉल बांग्‍लादेश के नंबर से, एक म्‍यांमार के नंबर और बाकी भारत के दूसरे राज्‍यों से आए हैं। मुझे भाई के ईमेल्‍स से पता चला कि उन्‍होंने शुरुआत में ‘इजी लोन’ ऐप के जरिए छोटे कर्ज लिए, जिनका ब्‍याज दर बहुत ज्‍यादा था।

ऐप के जरिए लिया गया था कर्ज
जेनिस का कहना है कि उन्‍होंने इस ऐप के बारे में जानकारी निकाली तो पता चला कि यह साइबर फ्रॉड में शामिल है। जेनिस कहते हैं, ‘मैंने उनके और भाई के बीच हुए पैसों के लेन-देन का जायजा लिया। मैंने पाया कि मेरे भाई ने आवेदन नहीं किया था, बावजूद इसके उन्‍हें कुछ पैसे भेजे गए। इनका ब्‍याज दर 30 परसेंट से भी ज्‍यादा है। भाई के फोन में भी टेक्‍स्‍ट मेसेजेज हैं, जिनसे पता चलता है कि उन्‍हें ब्‍लैकमेल किया जा रहा था।’ जेनिस ने बताया कि अभ‍िषेक के दोस्‍तों को भी ऐसे ही मेसेजेज आए हैं।

सबूत मिलते हैं करेंगे कार्रवाई
चारकोप पुलिस के एक अध‍िकारी ने कहा कि सूइसाइड नोट गुजराती में है। इसमें अभ‍िषेक ने अपनी निजी परेशानियों का जिक्र किया है। उन्‍होंने इसमें अपने परिवार से माफी भी मांगी है। अभ‍िषेक ने लिखा है कि उन्‍होंने हालात से लड़ने की पूरी कोश‍िश की, लेकिन वह अब हार गए हैं, क्‍योंकि समस्‍याएं बढ़ रही हैं। परिवार के आरोपों पर पुलिस ने कहा कि बैंक से लेन-देन की जानकारी मांगी गई है। फिलहाल हमारे पास कोई पक्‍के सबूत नहीं हैं कि कर्ज देने वाली कंपनी उन्‍हें परेशान कर रही थी। जब हमें कुछ पुख्‍ता मिलेगा, हम जरूरी कार्रवाई करेंगे।

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