भारत और पाकिस्तान अपने-अपने राजनयिकों के साथ होने वाले व्यवहार को लेकर एक बार फिर आमने-सामने हैं। पाक ने नई दिल्ली में अपने राजनयिकों के उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए गुरुवार को उच्चायुक्त सुहैल महमूद को ‘सलाह’ के लिए वापस बुला लिया है। हालांकि, भारत ने उच्चायुक्त को वापस बुलाने को सामान्य प्रक्रिया बताया है। साथ ही उत्पीड़न के दावे को खारिज करते हुए बताया कि सच्चाई इसके उलट है। पिछले एक साल से पाकिस्तान में भारतीय राजनयिकों को ज्यादा उत्पीड़न झेलना पड़ रहा है।
केंद्रीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया कि पाक उच्चायोग द्वारा उठाए गए मुद्दों को देखा जा रहा है। पाक उच्चायुक्त को सलाह के लिए बुलाया गया है, जो बेहद सामान्य प्रक्रिया है। इसमें तंग करने जैसा कुछ नहीं है। रवीश कुमार ने कहा कि पाकिस्तान को अपनी शिकायतों को मीडिया के बजाय सही मंच पर उठाना चाहिए। हम विएना समझौते को पूरी तरह से लागू करते हैं।
पाक के आरोप :
पाक विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने भारत पर आरोप लगाए थे कि नई दिल्ली में पाक राजनयिकों को ‘उत्पीड़न’ का शिकार होना पड़ रहा है। उन्होंने दावा किया भारतीय अधिकारियों ने उप-उच्चायुक्त की कार को 40 मिनट तक रोके रखा और उसमें सवार लोगों को तंग किया। यहां तक कि इस संबंध में तस्वीरें साझा करने के बाद भी भारत ने कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं की। मंगलवार को विदेश कार्यालय ने भारत के उप उचायुक्त जेपी सिंह को भी इस संबंध में तलब किया गया था।
पाक दावे के उलट सच :
दरअसल इस्लामाबाद में भारतीय राजनयिकों को उत्पीड़न झेलना पड़ रहा है। जानकारी के मुताबिक पिछले एक साल में इस तरह की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया, ‘इस्लामाबाद में हमारे उच्चायोग में भी बहुत सारी समस्याएं सामने आ रही हैं और हमने इसे उचित माध्यम से सामने रखा है। हम चाहते हैं कि हमारे स्टाफ को लेकर आ रही समस्या का समाधान किया जाए और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।’
लैपटॉप चोरी, नलों में पानी नहीं :
इस्लामाबाद स्थित भारतीय दूतावास के एक अधिकारी ने हाल में एक समाचार वेबसाइट को बताया था कि भारतीय अधिकारियों का उत्पीड़न यहां आम हो गया है। निगरानी रखना, निजता का उल्लंघन करना और अधिकारियों का पीछा करना आम बात हो गई है। एक घटना में तो भारतीय राजनयिक के घर में तोड़फोड़ कर उनका लैपटॉप भी चुरा लिया गया। यहां तक कि भारतीय स्टाफ के घरों में अक्सर पानी की सप्लाई बंद कर दी जाती है।
पहले भी चली ‘चाल’
भारत ने 27 अक्तूबर, 2016 को पाक राजनयिक महमूद अख्तर को जासूसी के आरोप में वापस भेजा था। इसके ठीक अगले दिन पाक ने ठीक इसी तरह के आरोप लगाते हुए भारतीय राजनयिक सुरजीत सिंह को भारत वापस भेज दिया।
6 पाक राजनयिकों को जासूसी के आरोप में भारत ने वापस भेजा नवंबर, 2016 में
8 भारतीय अधिकारियों पर ऐसे ही आरोप लगाकर पाक ने वापस भेजा अगले दिन
वहीं विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया कि पाक को मीडिया के बजाय उचित मंच पर अपनी शिकायतें उठानी चाहिए। इस्लामाबाद में हमारे स्टाफ को दिक्कतें आ रही हैं, जिसकी हमने उचित मंच पर शिकायत कर अपने स्टाफ की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है।