डोकलाम विवाद पर समाधान के करीब दो महीने बाद भारत और चीन के बीच पहली बार सीमा क्षेत्र से जुड़े सभी पक्षों पर बातचीत हुई. इस बातचीत में सीमा क्षेत्र की स्थितियों की समीक्षा के साथ ही हालात शांतिपूर्ण बनाए रखने की चर्चा हुई.

चीन और भारत के अधिकारियों ने शुक्रवार को बीजिंग में भारत-चीन मामलों पर परामर्श व समन्वय कार्यतंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) के 10वें चरण में सीमा से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की. विदेश मंत्रालय ने एक बयान में बताया, ‘दोनों देशों के बीच रचनात्मक और दूरंदेशी तरीकों से चर्चा हुई. दोनों देशों ने भारत-चीन सीमा के सभी पक्षों की स्थितियों की समीक्षा की और द्विपक्षीय संबंधों में सुधार के लिए सीमा क्षेत्र पर शांति बनाए रखने पर सहमत हुए.’

इसी साल अगस्त में डोकलाम में दोनों देशों ने अपनी सेना हटा ली थी. जिसके सीमा विवाद पर दोनों मुल्कों में पहली सकारात्मक बातचीत हुई है.

इस बैठक में भारत की तरफ से विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव(पूर्व एशिया) प्रणव राय और चीन की तरफ से चीनी विदेश मंत्रालय में एशियाई मामलों के विभाग में महानिदेशक जिआओ क्यान मौजूद थे. मंत्रालय के बयान के अनुसार, दोनों पक्षों की तरफ से कूटनीतिक एवं सैन्य अधिकारी शामिल थे.

क्या है WMCC?

डब्ल्यूएमसीसी की स्थापना भारत और चीन की सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए बातचीत व समन्वय बनाने के लिए गठित एक तंत्र है. दोनों देशों के बीच बातचीत को मजबूत करने और विचारों का आदान-प्रदान करने के उद्देश्य से की गई थी.

बता दें कि डोकलाम में सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन के बीच दो महीने से ज्यादा तक विवाद रहा था. चीन की तमाम धमिकियों के बावजूद भारत ने सीमा से अपने सैनिक नहीं हटाए थे. अंतत: चीन को भारत के आगे झुकना पड़ा था, जिसके बाद दोनों देशों ने मिलकर समस्या का समाधान निकाला था. हालांकि, उसके बाद भी चीन की तरफ से अक्सर विवादित बयान या टिप्पणियां आती रहती हैं.

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