भोपाल, ! मध्य प्रदेश एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट डेंटल एंड मेडीकल कॉलेजिस ऑफ मध्य प्रदेश (एपीडीएमसी) द्वारा आयोजित की जाने वाली डेंटल, मेडिकल प्रवेश परीक्षा (डीमेट) में तमाम गड़बड़ियों को रोकने के लिए उच्च न्यायालय की युगलपीठ ने कई दिशा निर्देश जारी किए हैं। पूर्व विधायक पारस सखलेचा ने डीमेट में हेाने वाली गड़बड़ियों पर रोक लगाने को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। इसी याचिका के आधार पर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ए. एम खानविलकर और न्यायाधीश के.के. द्विवेदी की अदालत ने सभी परीक्षा केंद्रों पर स्कैनर लगाने के निर्देश दिए थे, मगर परीक्षा की तारीख के तीन दिन पहले परीक्षा को अचानक स्थगित कर दिया गया था।

एपीडीएमसी पर आरोप लगाते हुए सखलेचा की ओर से अधिवक्ता आदर्श मुनि त्रिवेदी ने सवाल उठाए। वहीं एपीडीएमसी ने ऑनलाइन परीक्षा का प्रस्ताव रखा। साथ ही सोमवार को एक बंद लिफाफे में पांच ऐसी एजेंसियों का ब्यौरा दिया, जिसमें से किसी एक से वे ऑन लाइन परीक्षा करा सकते हैं। इस पर युगलपीठ ने साफ कहा था कि गड़बड़ी करे रोकने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।

सखलेचा ने मंगलवार को आईएएनएस को बताया कि युगलपीठ ने एपीडीएमसी को दिशा निर्देश दिए हैं, साथ ही कहा है कि इन्हें पूरा करने पर ही डीमेट ऑन लाइन हो सकती है। इन दिशा निर्देशों के मुताबिक परीक्षा के दौरान मानक स्तर के कंप्यूटर, सर्वर आदि का इस्तेमाल करना होगा।

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