भोपाल ! मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में चंद हजार की पगार पाने वाला लिपिक तीन करोड़ रुपये की संपत्ति का मालिक निकला है। यह खुलासा लोकायुक्त पुलिस के छापे की कार्रवाई में हुआ है। लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक इन्दौर वीरेन्द्र सिंह ने बताया कि खरगोन के महेश्वर के जनपद पंचायत में पदस्थ लिपिक बाबू पटेल के खिलाफ शिकायत मिली थी कि उसने आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित की है। इस शिकायत का परीक्षण करने के बाद मंगलवार सुबह लोकायुक्त की तीन टीमों ने पटेल के इन्दौर, महेश्वर और गृहग्राम माचलपुर में एक साथ दबिश दी।
सिंह के अनुसार महेश्वर में लिपिक के मकान से लोकायुक्त टीम नें करीब सवा तीन करोड़ रुपये की सम्पत्ति के दस्तावेज जब्त किए गए, जब्त दस्तावेजों से इन्दौर में एक भूखंड (रानीबाग), फ्लैट (कैलोद करताल) महेश्वर में तीन मकान, एक कार्यालय, एक फ्लैट, 34 एकड़ कृषि भूमि, एक डेयरीफार्म का पता चला है। साथ ही 28 बैंक के खाते हैं। 15 लाख की राशि बैंक खातों में है।
स्टेट बैंक आफ इंडिया महेश्वर शाखा के लॉकर से पौने छह लाख के आभूषण, साढे चार लाख की बीमा पलिसी भी मिली है। इसके आलावा घर से करीब 67 हजार रुपये नगद, 70 हजार के आभूषण, एक स्कार्पियों, एक अल्टो कार, तीन दोपाहिया वाहन भी मिले हैं।
मिली जानकारी के अनुसार लिपिक बाबू लाल पटेल ने 1998 में जनपद पंचायत महेश्वर में सहायक ग्रेड-दो से नौकरी की शुरुआत की थी। 16 साल की नौकरी में उसे वेतन के तौर पर करीब 33 से 35 लाख रुपये मिले, लेकिन उसने सम्पत्ति करोड़ की कमाई।
काली कमाई के लिए उसने अपना एक व्यक्तिगत कार्यालय भी खोल रखा था, साथ ही बिल्डिंग मटेरियल की एक दुकान भी है। लोकायुक्त पुलिस ने मामला दर्ज कर लिपिक पटेल को गिरफ्तार किया और जमानत पर रिहा कर दिया है।

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