भोपाल ! मध्य प्रदेश के हरदा जिले में मंगलवार रात दो रेल गाडिय़ों कामायनी व जनता एक्सप्रेस की 21 बोगियां पटरी से उतर गईं, जिनमें से छह बोगियां काली माचक नदी में गिर गई। हादसे में अब तक 37 लोगों की मौत हो गई है। मृतकों की संख्या बढऩे की आशंका है। राज्य सरकार ने मृतकों के परिवार को दो-दो लाख आर्थिक मदद देने की घोषणा की है। वहीं रेल मंत्रालय ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। राहत व बचाव के लिए सेना की मदद मांगी गई है। फिलहाल बचाव काम में लोग जुटे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि हादसा रेल पटरी के नीचे की मिट्टी खिसक जाने के कारण हुआ। यह मिट्टी भारी बारिश के कारण खिसकी। चौहान ने बताया कि कई शव घटनास्थल से पांच किमी दूर तक मिले। राज्य सरकार ने गंभीर रूप से घायल यात्रियों को 50-50 हजार रुपए और सामान्य रूप से घायल यात्रियों को 10-10 हजार रुपए की सहायता देगी। चौहान ने कहा कि मैंने पीएम मोदी और रेल मंत्री सुरेश प्रभु से चर्चा की है।
बाढ़ के कारण हुआ हादसा : प्रभु
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि रेल हादसे की वजह अत्यधिक बारिश के कारण आई बाढ़ है। उन्होंने मृतकों के परिजनों व घायलों को आर्थिक सहायता देने की घोषणा की।
लोकसभा में कहा कि सरकार ने दुर्घटना में मारे गए परिजनों को दो-दो लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि गंभीर रूप से घायल होने वालों को 50,000 रुपये तथा सामान्य रूप से घायल लोगों को 25,000 रुपये दिए जाएंगे।
उप्र के 266 यात्री फंसे
अधिकारियों के मुताबिक कामायनी एक्सप्रेस में 266 यात्री फंसे हुए हैं।
अधिकारियों के मुताबिक 266 यात्री कामायनी एक्सप्रेस में फंसे हुए हैं। मुंबई से वाराणसी आ रही कामायनी एक्सप्रेस और जबलपुर से मुंबई जा रही जनता एक्सप्रेस गाडिय़ां मध्य प्रदेश के हरदा के पास माचक नदी में हादसे का शिकार हो गईं।