राज्यपाल श्रीमती आनन्दीबेन पटेल ने कहा है कि टी.बी. पीड़ितों की मदद के लिए सामाजिक एवं स्वयंसेवी संस्थाओं और सम्पन्न तबके की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित की जाये। उन्होंने कहा कि समाजसेवी कम से कम एक टी.बी. पीड़ित बच्चे को गोद लें। राज्यपाल ने आज जबलपुर सर्किट हाउस में टी.बी. उन्मूलन कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान यह बात कही।
श्रीमती पटेल ने कहा कि वर्ष 2022 तक देश को टी.बी. मुक्त बनाने के प्रधानमंत्री के संकल्प को पूरा करने के लिए समाज के सभी वर्गों की सहभागिता जरूरी है। इस दिशा में कारगर पहल की जाये। उन्होंने कहा कि सरकार के अलावा सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से भी टी.बी. मरीजों के लिये पौष्टिक आहार की व्यवस्था की जा सकती है । श्रीमती पटेल ने कहा कि कोई भी रोग ऐसा नहीं, जिसे निश्चय और दृढ़इच्छा शक्ति से हराया नहीं जा सके। टी.बी. के मरीज को पौष्टिक खाद्य पदार्थ जैसे फल, दूध, घी आदि की जरूरत होती है । इसलिए समाज अपना दायित्व निभाते हुए रोगियों तक यह सामग्री पहुँचायें तथा रोगियों द्वारा इसका सेवन सुनिश्चित करने की ओर भी ध्यान दें।
राज्यपाल श्रीमती पटेल ने सेठ गोविन्ददास जिला चिकित्सालय (विक्टोरिया हॉस्पिटल) के टी.बी. वार्ड एवं मेडिसिन वार्ड का निरीक्षण किया और मरीजों को फल वितरित किया । राज्यपाल ने मरीजों से बातचीत की और इलाज की भी जानकारी ली।
राज्यपाल द्वारा हाइपरसोनिक विक्टोटॉमी मशीन का लोकार्पण
राज्यपाल श्रीमती पटेल ने जबलपुर में जोतपुर स्थित दादा वीरेन्द्रपुरी जी नेत्र संस्थान देवजी नेत्रालय में अत्याधुनिक तकनीक वाली मशीन विटीज हाइपरसोनिक विक्टोटॉमी मशीन का लोकार्पण किया। राज्यपाल ने अस्पताल द्वारा गरीबों के लिए नि:शुल्क ऑपरेशन शिविरों के आयोजन की सराहना की। उन्होंने कहा कि आँखों का इलाज और मरीजों की सेवा पुण्य का कार्य है ।