ग्वालियर। शहर में ज्योतिरादित्य सिंधिया की गुमशुदगी के पोस्टर लगाए गए हैं। महल के गेट पर भी ये पोस्टर लगाए गए हैं। जिसमें लिखा है कि तलाश गुमशुदा जनसेवक की। इसमें लिखा है कि वे कांग्रेस में रहकर जनसेवा नहीं कर पा रहे थे। जो कोरोना महामारी के समय मजदूरों की आवाज नहीं उठा सके। जिन्हें रोड पर उतरने का शौक था वे आज गुमशुदा हैं।
पोस्टर में सिद्धार्थ सिंह राजावत का नाम और मोबाइल नंबर लिखा है और ज्योतिरादित्य सिंधिया की तलाश करने वाले को 5100 रुपए का ईनाम देने की बात भी लिखी है। कहा जा रहा है कि भाजपा में शामिल होने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वायिलर नहीं आए हैं। सूचना मिलने के बाद भाजपा नेता और सिंधिया समर्थक वहां पहुंचे और पोस्टर निकाले। सिंधिया समर्थकों का कहना है कि लॉकडाउन के बाद वे लगातार लोगों के संपर्क में हैं और रोज करीब 100 लोगों से फोन पर बात कर उनका हालचाल जान रहे हैं। इसके पहले कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाए थे कि ज्योतिरादित्य सिंधिया संकट की इस घड़ी में लोगों के बीच नहीं पहुंचे।
पहले कमल नाथ लापता और अब सिंधिया
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमल नाथ के क्षेत्र छिंदवाड़ा में इसी तरह उनकी और उनके बेटे नकुल नाथ की गुमशुदगी के पोस्टर लगे थे। कमल नाथ के क्षेत्र छिंदवाड़ा में पहली बार उनका इस तरह से विरोध हुआ है। इसी तरह पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति को लेकर भी इसी तरह के पोस्टर उनके क्षेत्र में लग चुके हैं।
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