भोपाल। मध्यप्रदेश के युवा जॉबाज पुलिस अधिकारी श्री सिद्धार्थ चौधरी का आज स्वतंत्रता दिवस समारोह में राज्यपाल द्वारा राष्ट्रपति पुरुष्कार से सम्मानित किया गया। श्री चौधरी को यह सम्मान चम्बल घाटी में आतंक का पर्याय बने 35 हजार रुपये केे दो इनामी दस्युओं कोमार गिराने में सफलता प्राप्त करने में दिया गया है।
श्री सिद्धार्थ चौधरी जब भिण्ड में एएसपी के पद पर पदस्थ थे तब उन्होंने 10 नबम्बर 2009 में मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश की सीमा को जोडने बाले चम्बल घाटी में भिण्ड जिले के फूप थाना क्षेत्र के ग्राम सपाड में आधा दर्जन हथियारबंद डकैत किसी बडी बारदात की नियत से आने की सूचना पर पुलिस ने सपाड गांव के बीहड की घेराबंदी की, पुलिस आने की खबर से डकैत गिरोह भागने की फिराक में था लेकिन पुलिस की कडी घेराबंदी के कारण डकैत गिरोह अपने मंसूवों पर सफल नहीं हो पाया । फिर भी डकैत गिरोह भागने की कोशिश कर रहा था तभी डकैतों का सामना पुलिस की उस टुकडी से हो गया जिसका नेतृत्व स्वयं पुलिस अधिकारी सिद्धार्थ चौधरी कर रहे थे। डकैत गिरोह देखकर पुलिस ने डकैतों को आत्म समर्पण के लिये ललकारा तो डकैत गिरोह ने पुलिस पर फायर खोल दिये। जवाव में पुलिस ने भी पोजीशन लेकर आत्म रक्षार्थ गोलिया चलाई जिसमें दो डकैत मारे गये। मारे गये डकैतों में रामवीर सिंह सिकरवार पर 25 हजार रुपये और संजू तोमर पर 10 हजार रुपये का इनाम घोषित था। इन डकैतों का क्षेत्र में आतंक था।
श्री सिद्धार्थ चौधरी वर्तमान में पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त भोपाल में पदस्थ है। श्री सिद्धार्थ चौधरी उन गिने चुने पुलिस अफसरों में है जिन्होंने इतनी कम उम्र में राष्ट्रपति पुरुष्कार प्राप्त किया है।