पुंछ : कश्मीर घाटी में सुरक्षा बलों द्वारा आतंकवाद के खिलाफ चलाए गए ऑप्रेशन ऑल आऊट और कासो के तहत तमाम दुर्दांत शीर्ष आतंकी कमांडरों के खात्मे के बाद हाशिए पर आए आतंकवादी संगठनों ने अपनी रणनीति बदलते हुए जैश-ए-मोहम्मद को जम्मू संभाग में आतंक फैलाने का जिम्मा दिया है। सूत्रों का कहना है कि किराए की सांसों पर जिंदा आतंकवाद को किसी भी तरह जीवित रखना वर्तमान में आतंकी संगठनों, पाक सेना तथा पाक सरकार के लिए एक चुनौती बन गया है।

भारत में आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए पाक सेना, सरकार, पाकिस्तानी गुप्तचर एजैंसी आई.एस. आई.एस. तथा आतंकी संगठनों ने हाल ही में पाक अधिकृत क्षेत्र में बैठक का आयोजन कर रणनीति में बदलाव लाते हुए जैश को जम्मू संभाग में आतंक फैलाने के लिए कमान सौंपी है। सूत्रों के अनुसार आने वाला समय नियंत्रण रेखा पर पुंछ और राजौरी जिलों के लिए काफी चुनौतीपूर्ण होगा तथा आतंकवादियों की घुसपैठ हेतु नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाओं में भी बढ़ौतरी की संभावना रहेगी। आतंकवादी सुरक्षा बलों का ध्यान भटकाने के लिए जम्मू संभाग में ज्यादा आक्रामक रुख अपनाते हुए हमलों को अंजाम देकर अपना वजूद बचाने के प्रयास में रहेंगे। बीते दिनों भी नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सेना द्वारा किए गए संघर्ष विराम उल्लंघन का मकसद गोलीबारी की आड़ में आतंकवादियों की घुसपैठ करवाना था, परंतु भारतीय सेना द्वारा आतंकी मंसूबों को विफल कर दिया गया।

पी.ओ.के. के आतंकी शिविर में बैठकों का दौर जारी :
अब रणनीति को लेकर पाक अधिकृत कश्मीर (पी.ओ.के.) स्थित आतंकवादी शिविरों में आए दिन बैठकों का दौर जारी है और पाकिस्तानी सेना के उच्चाधिकारी अक्सर अपने आकाओं के साथ प्रशिक्षण शिविर का दौरा कर हिदायतें भी जारी करते हैं। वर्तमान समय में पाक अधिकृत कश्मीर में फिर से आतंकी प्रशिक्षण शिविर चल रहे हैं, जहां पर आतंकवादियों का प्रशिक्षण जारी है। लॉन्चिंग पैड्स पर भी आतंकवादियों को घुसपैठ करने के लिए बिल्कुल तैयार रखा गया है और पाकिस्तानी सेना के अधिकारी खुद सारी स्थिति को संभाल रहे हैं।

हर मंच पर आतंकवाद का मुद्दा उठने से हताश पाक और आतंकी संगठन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आतंकवाद तथा आतंकवाद के जनक पाकिस्तान को हर मुद्दे पर बेनकाब करने के बाद पाकिस्तान में बैठे आतंकी संगठन पूरी तरह हताश हैं। पाकिस्तान सरकार की हर मंच पर हो रही बदनामी से बौखलाया पाकिस्तान किसी तरह भी आतंकवाद को जीवित रखने का प्रयास कर रहा है।

कश्मीर में आए दिन मारे जा रहे आतंकवादियों के बाद आतंकियों की भर्ती में काफी कमी आई है और विदेशी आतंकवादी भारत में प्रवेश करने से कतरा रहे हैं, जबकि जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठनों का स्थानीय आतंकवादियों से गठजोड़ भी कम रहा है जिसके कारण हाशिए पर आए लश्कर-ए-तोयबा की बजाय आतंकी संगठन जैश पर ज्यादा विश्वास जता रहे हैं। आतंकी संगठनों तथा पाकिस्तान को इस बात का भी भय सता रहा है कि कहीं अमरीका भी भारत के साथ मिल कर पाकिस्तान पर कार्रवाई न कर दे। इससे पहले पाकिस्तान किसी तरह भी आतंकवादियों को भारत में प्रवेश करवाने की कोई कसर छोड़ना नहीं चाहता।

मोदी का दुनिया भर में बढ़ा कद :
सूत्रों का कहना है कि मोदी के दुनियाभर में दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे कद से जहां पाकिस्तान की चिंता बढ़ रही है, वहीं पाकिस्तानी मीडिया में भी प्रधानमंत्री मोदी को लेकर विशेष उत्साह दिखाया जा रहा है, जबकि मोदी द्वारा डोकलाम में उठाए गए कदम के बाद पाकिस्तान पूरी तरह सदमे में है।

पैसे की किल्लत बनी आतंकवादी संगठनों के लिए मुसीबत :
वर्तमान समय में आतंकवादी संगठन जितना नई भर्ती को लेकर चिंतित हैं, वहीं आतंकवादी संगठनों के लिए पैसे की किल्लत भी मुसीबत बन गई है। अब आतंकवादियों को उनका मेहनताना भी समय पर नहीं मिल रहा, जबकि आतंकवादी प्रशिक्षण शिविरों एवं लॉन्चिंग पैड्स में बैठे आतंकवादियों के खान-पान की व्यवस्था के लिए भी आतंक के आकाओं को मेहनत करनी पड़ रही है, जिसके कारण आतंकी आका किसी भी तरह घुसपैठ को अंजाम देना चाहते हैं।

कश्मीर में एन.आई.ए. की कार्रवाई से आतंकियों के हौसले पस्त :
सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा अलगाववादियों के खिलाफ उठाए गए कड़े कदम तथा राष्ट्रीय जांच एजैंसी (एन.आई.ए.) द्वारा की गई ताबड़-तोड़ कार्रवाई और पत्थरबाजों को मुंहतोड़ जवाब दिए जाने के कारण भी आतंकवादियों के हौसले पस्त हो रहे हैं, जिसके कारण आतंकवादियों के लिए पुंछ तथा राजौरी जिले की नियंत्रण रेखा से घुसपैठ के प्रयास ही संजीवनी बन सकते हैं, मगर भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा नियंत्रण रेखा पर बरती जाने वाली चौकसी आतंकवादी मंसूबों पर पानी फेर रही है।

सुरक्षा बल किसी भी चुनौती से निपटने में सक्षम :
एस.एस.पी.सुरक्षा के मुद्दे को लेकर एस.एस.पी. पुंछ राजीव पांडे ने कहा कि जिले में सुरक्षा बल किसी भी चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह सक्षम हैं। पुलिस तथा अन्य सुरक्षा बलों के बीच बेहतरीन तालमेल है। एक ओर जहां नियंत्रण रेखा पर सुरक्षा बल पूरी तरह मुस्तैद हैं, वहीं दूसरी तरफ पुलिस भी सतर्कता बरत रही है। सुरक्षा बलों द्वारा पहले की तरह ही हर आने-जाने वाले पर नजर रखी जा रही है और पुलिस किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार है।

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