इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर में दिगंबर जैन समाज के सबसे बडे संत आचार्य विद्यासागर महाराज का 53वां दीक्षा महोत्सव 25 जून को मनाया जाएगा। कोरोना संक्रमण की वजह से हर बार की तरह इस बार देशभर के भक्तों का मेला नहीं लगेगा। लॉकडाउन के पहले संतों के लिए चैका (रसोई) लगा रहे परिवार सहित 53 परिवार के साथ यहां विराजित 31 जैन संत और चुनिंदा ट्रस्टियों की मौजूदगी में मंगल पूजन और पाद प्रक्षालन होगा। अन्य किसी को आयोजन में शामिल होने का अवसर नहीं मिलेगा।
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संत को आहार देने वाले परिवार को तीन दिन क्वारंटाइन रखा जाता है। दयोदय ट्रस्ट के पदाधिकारियों के अनुसार जैन संत उपचार के लिए एलोपैथी और होम्योपैथी का उपयोग नहीं करते। वे अपना उपचार आयुर्वेद के अनुसार करते हैं। इसके भी कठोर नियम हैं। आयुर्वेद के काडे आदि का सेवन भी आहार के वक्त किया जाता है। इसके चलते दयोदय ट्रस्ट द्वारा संतों के स्वास्थ्य के लिए 25 मार्च को लागू लॉकडाउन से पहले से ही विशेष सावधानी बरती जा रही है।
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ब्रह्मचारी सुनील भैया ने बताया कि संत को आहार देने वाले परिवार का पहले स्वास्थ्य परीक्षण डॉक्टरों द्वारा किया जाता है। इसके बाद तीन दिन तक उन्हें क्वारंटाइन रखा जाता है। इन तीन दिनों में भी उनकी थर्मल स्क्रीनिंग सहित स्वास्थ्य की आवश्यक जांचें की जाती हैं। स्वास्थ्य पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नजर नहीं आने के बाद ही उन्हें चैथे या पांचवे दिन आहार का मौका मिलता है। संत को केवल पांच लोग ही आहार दे रहे हैं। प्रतिदिन रेवतीरेंज स्थित प्रतिभास्थली में 55 चैके लगते हैं।
30 परिवार ऐसे हैं जो अपने सारे कार्य छोडकर पिछले तीन माह से प्रतिभास्थली पर चैका लगा रहे हैं। पिछले दिनों 15 नए परिवार आहार देने आए थे। वे पहले तीन दिन क्वारंटाइन में रहे और स्वास्थ्य परीक्षण के दौर से गुजरे थे। साथ ही शारीरिक दूरी के साथ प्रशासन की अन्य गाइडलाइन का पालन भी किया जा रहा है।
आचार्य विद्यासागर की मुनि दीक्षा 30 जून 1968 को हुई थी। उनके दीक्षा गुरु ज्ञानसागर महाराज थे। उन्होंने वयोवृद्ध होने के बाद अपने शिष्यों को अपना गुरु बनाया। आचार्यश्री ने जिस दिन दीक्षा ली तभी से नमक व शकर का त्याग कर दिया था। वे भोजन में पांच रस नहीं लेते। इसमें नमक-शकर के अलावा हरी सब्जी, सूखे मेवे आदि शामिल हैं।
आचार्य विद्यासागर को आठ भाषाओं का ज्ञान है। इसमें कन्नाड, मराठी, हिंदी, प्राकृत, संस्कृत, अपभ्रंश, अंग्रेजी, बंगला शामिल है। आचार्यश्री की मूक माटी पुस्तक कई भाषाओं में प्रकाशित हुई। इसके साथ ही उन्होंने कई पुस्तकें लिखी हैं।
मंत्री संजय जैन और महामंत्री अशोक डोसी ने बताया कि आचार्य विद्यासागर महाराज के 53वें दीक्षा दिवस पर रेवतीरेंज स्थित प्रतिभास्थली गोशाला पर सुबह 8.30 बजे पादप्रक्षालन, मंगल प्रवचन होंगे। इसके बाद शाम 6 बजे आचार्य की 53 दीपों द्वारा आरती होगी। इसमें 53 परिवार आचार्यश्री की आरती करेंगे।