ग्वालियर। मध्यप्रदेश के भिण्ड जिले के फूप कस्बे के श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर से 22 जून की रात अष्टधातु की 22 मूर्तियां चोरी हो गईं। मंदिर में कुल 33 मूर्तियां थी, जिनमें से 11 मूर्तियां चोर छोड गए थे। जिन मूर्तियों को छोड़ गए थे, उनमें सोने जैसी चमक नहीं थी। जबकि जो मूर्तियां चोरी गई थी उनकी चमक सोने जैसी थी। जैन समाज के लोगों का कहना है कि चोर अष्टधातु की मूर्तियों को सोने की समझकर चुरा ले गए। मंदिर के अंदर 24 तीर्थंकरों की 100 साल से अधिक पुरानी 33 मूर्तियां तिजोरी में रखीं थी। चोर मूर्तियों को शमशान घाट के पास छोड गए जिन्हें पुलिस ने आज सुवह बरामद कर लिया है। चोरी गई मूर्तियों को बरामद करने के लिए भिण्ड पुलिस अधीक्षक ने चोरों के ऊपर 10 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था और चोरों को पकडने के लिए 13 सदस्यीय टीम गठित की थी।
22 जून की रात करीब 8 बजे मंदिर की ऊपरी मंजिल के गेट बंद कर दिए गए थे। रविवार सुबह 5 बजे मंदिर खोलने आए श्रद्धालु ज्ञानचंद्र जैन (रोजाना सुबह मंदिर खोलते हैं) मंदिर के मेन गेट का ताला खोलकर दूसरी मंजिल पर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि दूसरी मंजिल पर लगे शटर के ताले टूटे हुए हैं। इसके बाद उन्होंने मंदिर के गर्भगृह में जाकर देखा तो तिजोरी में लगे तीन ताले भी टूटे थे। साथ ही तिजोरी में रखीं 33 मूर्तियों में से 22 अष्टधातु की मूर्तियां गायब थीं।
मौके पर पहुंचे पुलिस अधीक्षक ने भिण्ड जिले के फूप क्षेत्र से लगी उत्तरप्रदेश की सीमा को सील कर नाकेबंदी कर दी थी जिससे चोर मूर्तियों को फूप से बाहर नहीं ले जा सके और मूर्तियों को शमशान घाट के पास फेंक कर भाग गए।

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