नई दिल्ली उत्तर प्रदेश के उन्नाव में जमानत पर छूटे सामूहिक दुष्कर्म के आरोपियों ने पीड़ित लड़की को जला दिया था। इसके बाद गुरुवार को उसे इलाज के लिए लखनऊ से दिल्ली लाया गया। राजधानी के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती पीड़ित की हालत बेहद नाजुक है, उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है। शुक्रवार को अस्पताल के सुपरिंटेंडेंट डॉक्टर सुनील गुप्ता ने कहा कि हमारी ओर से हर संभव कोशिश की जा रही है, लेकिन उसके बचने की संभावना बहुत कम है। वह 90% जल चुकी है।

पीड़ित को जिंदा जलाने के बाद आरोपी मौके से भाग गए। इस घटना के प्रत्यक्षदर्शी रविन्द्र ने बताया था कि पीड़ित दूर से दौड़ती आ रही थी। वह चीख रही थी बचाओ-बचाओ। मैंने उसकी आवाज सुनकर पूछा भी कि तुम कौन हो? उसके पूरे शरीर में आग लगी हुई थी। उसे देखकर मैं डर गया। मुझे लगा कि कोई भूत है। मैं घर से डंडा और कुल्हाड़ी लेकर उसके सामने गया। फिर उसने अपने पिता का नाम बताया। फिर पुलिस हेल्पलाइन डायल कर पीड़ित के बारे में बताया। पीड़ित ने पुलिस को पूरी बात बताई, फिर पुलिस उसे लेकर गई।
कोर्ट के आदेश पर मार्च 2018 में केस दर्ज हुआ था

लड़की को उसी के गांव के आरोपी शिवम ने शादी का झांसा देकर अपने जाल में फंसा लिया था। उसने दुष्कर्म के वीडियो बनाकर ब्लैकमेल और मानसिक तौर पर यातनाएं दीं। परेशान होकर लड़की अपनी बुआ के घर रायबरेली चली गई। शिवम ने यहां भी उसका पीछा नहीं छोड़ा और हथियारों के दम पर सामूहिक दुष्कर्म किया था।

इसके बाद 5 मार्च, 2018 को परिवार की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर दुष्कर्म के दो आरोपियों शिवम और शुभम को गिरफ्तार किया था। इसके बाद दोनों 3 दिसंबर को जमानत पर बाहर आए तो लड़की को जला दिया। पुलिस ने शिवम, उसके पिता रामकिशोर, शुभम, हरिशंकर और उमेश बाजपेयी को गिरफ्तार किया है।

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