वाजपेयी सरकार में वित्त मंत्री रहे यशवंत सिन्हा ने एक बार फिर अरुण जेटली पर निशाना साधा है. वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में बदलाव को लेकर चल रही बैठक पर सिन्हा ने कहा कि जीएसटी लागू करते वक्त वित्तमंत्री ने दिमाग का इस्तेमाल नहीं किया. पूर्व वित्तमंत्री ने कहा कि जीएसटी को लेकर रोज बदलाव हो रहे हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चाहिए कि वह वित्त मंत्री अरुण जेटली को तुरंत बर्खास्त कर दें.
सिन्हा ने कहा कि अरुण जेटली ने जीएसटी का कबाड़ा कर दिया है. जेडीयू नेता उदय नारायण चौधरी ने बयान पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि चौधरी को पता होना चाहिए कि मैंने सात बार बजट पेश किया है. बता दें कि चौधरी ने सिन्हा पर तंज कसते हुए कहा था कि यशवंत सिन्हा बैठे हुए भी अपना बजट पेश कर सकते हैं.
जेटली पर एक बार फिर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ लोग कह रहे हैं कि मैं 80 वर्ष की अवस्था में नौकरी ढूंढ़ रहा हूं. जो लोग ऐसा कह रहे हैं उनको बताना चाहूंगा कि मैंने उनकी तरह कभी बैठकर बजट नहीं पेश किया.
67 साल के बाद भी आरक्षण अब तक अधूरा कार्य
यशवंत सिन्हा ने कहा है कि देश में आरक्षण लागू करने का कार्य अब तक अधूरा है. यशवंत सिन्हा ने कहा कि 1950 में संविधान लागू होने के बावजूद अब तक देश में आरक्षण का लाभ समाज के वंचितों को नहीं मिल पाया है. शुक्रवार को पटना में वंचित वर्गों की संगोष्ठी में बोलते हुए यशवंत सिन्हा ने मांग की कि देश में 1950 में आरक्षण की व्यवस्था लागू होने के बाद अब तक पिछड़ी जाति, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और वंचितों के हालात में कितना सुधार हुआ है और भविष्य में उनके हालात को और बेहतर करने के लिए क्या कदम उठाने चाहिए इसको लेकर केंद्र सरकार को एक आयोग का गठन होना चाहिए.
GDP में 2 प्रतिशत गिरावट, देश को 3 लाख करोड़ का नुकसान
उन्होंने कहा कि जीडीपी में 2 प्रतिशत की गिरावट आई है, इसका मतलब ये है कि देश को 3 लाख करोड़ का नुकसान हुआ है.
बिहार की सियासत में दलितों को लेकर चल रही उठापटक पर सिन्हा ने कहा कि शोषितों को उनका संवैधानिक अधिकार जरूर मिलना चाहिए. ये सरकार संविधान का मजाक बना रही है. न तो केंद्र सरकार और न बिहार सरकार, शोषितों के विकास को लेकर सजग हैं.
बिहार के मुख्यमंत्री को नसीहत देते हुए उन्होंने कहा कि प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण देने के लिए अगर शोषितों और पिछड़ों के विकास के प्रति नीतीश कुमार गंभीर हैं तो उन्हें कानून बनाकर केंद्र को भेजना चाहिए.
28 प्रतिशत टैक्स से दर बाहर हुए 177 प्रोडक्ट
गुवाहाटी में चल रही GST काउंसिल की बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं. शुक्रवार को हुई इस बैठक में फैसला हुआ है कि अब 28% स्लैब में कुल 50 ही प्रोडक्ट रहेंगे. पहले 28 फीसदी स्लैब में कुल 227 वस्तुएं थीं.
जीएसटी काउंसिल ने शेविंग क्रीम, टूथपेस्ट, शैंपू, चॉकलेट, मार्बल आदि को 28 फीसदी टैक्स की स्लैब से हटा दिया है. अब सिर्फ 50 लग्जरी प्रोडक्ट ही 28 फीसदी की श्रेणी में रहेंगे.