नए शैक्षणिक सत्र से पूरे प्रदेश में वैन में बच्चों के परिवहन पर सख्ती से रोक लगाई जाएगी। परिवहन विभाग के अधिकारी रोजाना चैकिंग कर रिपोर्ट परिवहन आयुक्त को पेश करेंगे। इसके अलावा ऑटो में बच्चों की उम्र अनुसार बच्चों को बैठाना होगा। परिवहन आयुक्त ने इस संबंध में प्रदेश के सभी जिलों के एसपी और आरटीओ को आदेश जारी कर दिए हैं। इतना ही नहीं पुलिस ऐसे वाहनों पर कार्रवाई कर रोजाना परिवहन आयुक्त को रिपोर्ट भी भेजेगा। जिससे ग्वालियर हाई कोर्ट को अवगत कराया जाएगा। इसके लिए फॉर्मेट भी उपलब्ध करवाया गया है।

परिवहन आयुक्त डॉ. शैलेन्द्र श्रीवास्तव द्वारा जारी आदेश के मुताबिक स्कूली ऑटो और वैन में क्षमता से अधिक बच्चों को ले जाने के कारण दुर्घटना होने की जानकारी आती रहती है। इसलिए अब इन पर सख्ती की जाएगी। पुलिस और परिवहन विभाग चैकिंग में सुनिश्चित करें कि रिक्शा में बच्चों को बैठाने के लिए अलग से फट्टी नहीं लगाई जाए। इसमें बच्चों की संख्या भी तय सीमा से अधिक नहीं हो। ऐसा पाए जाने पर सीधे चालक का लाइसेंस निरस्त किया जाए। पुलिस ऐसे वाहनों पर कार्रवाई कर सीधे परिवहन विभाग को सूचित करेगी।

वही वैन के लिए दिए गए आदेश के मुताबिक स्कूली वैन दो तरह से नियम तोड़ती है। यह निजी श्रेणी में रजिस्टर्ड होती है और बच्चों को ढोती है। इस तरह से इनका कमर्शियल उपयोग होता है। वहीं अगर कोई वैन चालक अपने वाहन को कमर्शियल श्रेणी में रजिस्टर्ड करवा भी लेता है, तो वह परिवहन विभाग के उस नियम को पूरा नहीं करता जिसमें न्यूनतम 13 यात्रियों से कम क्षमता वाले वाहनों को स्कूली वाहन के रूप में रजिस्टर्ड नहीं करवाया जा सकता। इसलिए यह बच्चों का परिवहन नहीं कर सकती है। ऐसा करने पर वाहन का रजिस्ट्रेशन और चालक का लाइसेंस निरस्त किया जाए।

जानकारी के मुताबिक ऑटो में चालक के अलावा 12 वर्ष से अधिक के केवल तीन छात्र सवार हो सकते हैं। इसके अलावा 12 साल से अधिक आयु के दो छात्र होने पर दो इससे कम आयु के छात्र समेत 4 छात्र सवार हो सकते हैं। वहीं 12 साल से कम के 5 छात्र सवार हो सकते हैं। आखिरी स्थिति में 12 साल से अधिक आयु का एक और 12 साल से कम आयु के तीन छात्र सवार हो सकते हैं।

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