सेंट्रल मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन के बाद नए प्रावधान 9 सितंबर से लागू हो चुके हैं, लेकिन प्रदेश सरकार ने इन्हें अभी तक लागू नहीं किए हैं। प्रदेश के नियम न बनने के कारण केंद्र के प्रावधान कोर्ट के मार्फत लागू हो रहे हैं। दरअसल, परिवहन विभाग प्रदेश में जुर्माने की राशि में कमी लाने अपने नियम जारी करेगा। नियम लागू होने के बाद हेलमेट न लगाने से लेकर बिना ड्राइविंग लाइसेंस वाहन चलाने सहित सभी तरह के जुर्माने में करीब आधा जुर्माना तय कर दिया जाएगा।

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परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का कहना है कि आम लोगों की मांग पर जुर्माने की राशि में कमी की जाएगी। इसके लिए प्रदेश के नए नियम तैयार किए जा रहे हैं। इनके एक महीने बाद लागू होने की संभावना है। ट्रांसपोर्ट कमिश्नर बी. मधु कुमार का कहना है कि राज्य

आम लोगों के हिसाब से हो जुर्माना… पूर्व ट्रांसपोर्ट कमिश्नर एनके त्रिपाठी के मुताबिक राज्य सरकार को आम लोगों के हिसाब से जुर्माने की राशि तय करना चाहिए। लेकिन ऐसा भी नहीं होना चाहिए कि राशि काफी इतनी कम हो जाए कि जुर्माना, दंड की तरह न लगे।

हेलमेट न पहननने वाले 5000 वाहन चालकों पर हर माह ट्रैफिक पुलिस जुर्माना लगाती है। एएसपी ट्रैफिक प्रदीप चौहान का कहना है कि शराब पीकर वाहन चलाने वाले 600 लोगों पर हर महीने जुर्माना किया जाता है। जबकि 450 कार चालकों पर सीट बेल्ट न लगाने के मामलों में हर महीने जुर्माने की कार्रवाई की जाती है।

सेंट्रल मोटर व्हीकल एक्ट के प्रावधानों को राज्य सरकार ने केवल कोर्ट के मार्फत होने वाले जुर्माने को ही मान्य किया है। इन प्रावधानों को कोर्ट के मार्फत लागू होने से वाहन चालकों पर पहले के मुकाबले पांच गुना या उससे ज्यादा तक जुर्माना हो रहा है। इसी पर नियंत्रण करने राज्य सरकार अपने नियम बनाकर जुर्माने की राशि में कमी कर सकती है। यह सारी कवायद इसी कड़ी में की जा रही है।

जहां तक सेंट्रल मोटर व्हीकल एक्ट के प्रावधानों के लागू किए जाने का मामला है, इसमें केंद्र सरकार को तीन साल से ज्यादा का समय लगा। सेंट्रल मोटर व्हीकल एक्ट के नए प्रावधान 9 सितंबर से लागू किए गए। इसके बाद प्रदेश के विधि व जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा सहित अन्य मंत्रियों ने प्रावधानों को लागू नहीं करने की बात कही थी।

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