उज्जैन । महाकवि कालिदास की नगरी उज्जैन में संस्कृत साहित्योत्सव 22 से 24 फरवरी तक मनाया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान संस्कृत साहित्योत्सव का शुभारंभ करेंगे। इस दौरान संस्कृति मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा भी उपस्थित रहेंगे। उत्सव में तीन हजार से अधिक संस्कृत विद्वान शामिल होंगे।तीन दिवसीय संस्कृत साहित्योत्सव में संस्कृत पुस्तक मेला, लोकार्पित पुस्तकों की प्रदर्शनी, विज्ञान प्रदर्शनी, संस्कृत गाँव, संस्कृत बाजार, संस्कृत क्रीड़ांगण, कार्यशालाएँ तथा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे।
इस महोत्सव में देशभर के तीन हजार से ज्यादा संस्कृत विद्वान सहभागिता करेंगे। मध्यप्रदेश शासन, राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान, देश के सभी संस्कृत विश्वविद्यालय, संस्कृत अकादमियाँ, संस्कृत संस्थान एवं संस्कृत प्रचार संस्थाओं के सहयोग से प्रदेश में पहली बार इस उत्सव का आयोजन किया जा रहा है।
उत्सव में भारत के 75 से अधिक संस्कृत पुस्तक प्रकाशक भाग लेंगे। मेले में शब्द-कोष, व्याकरण की पुस्तकें, कथाएँ, सरलतापूर्वक संस्कृत सीखने की पुस्तकें, धार्मिक पुस्तकों में रामायण, गीता, महाभारत, वेद, उपनिषद, दर्शन और पुराण के साथ सीडी और डीवीडी भी उपलब्ध रहेंगी। सभी पुस्तकों में 15 प्रतिशत छूट दी जायेगी। उत्सव में दो सौ से अधिक नई पुस्तकें, सीडी एवं डीवीडी का लोकार्पण किया जायेगा।
संस्कृत में छिपे विज्ञान, तकनीकी, अर्थशास्त्र, वैद्यकीय, गणित, खगोल आदि विषयों पर विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन किया जायेगा। संस्कृत गाँव में सभी को संस्कृत में व्यवहार करते देखना अपने आप में अलग अनुभव होगा। संस्कृत क्रीड़ांगण में प्रतिदिन शाम विश्वविख्यात कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम, संस्कृत में नुक्कड़ नाटक, लोक-कथाएँ, गान-गोष्ठी होंगी। साहित्योत्सव में प्राचीन भारतीय विज्ञान, अर्थशास्त्र, शिल्पशास्त्र, वैद्यकीय, संगणकीय, संस्कृत आदि विषयों पर कार्यशालाएँ भी होंगी। इस तरह से सामाजिक जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में संस्कृत का प्रयोग साहित्योत्सव में प्रत्यक्ष रूप से देखा जा सकेगा।