भोपाल। प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिये ‘विजन जीरो” पर काम करने की आवश्यकता है। इसे अमलीजामा पहनाने के लिये सभी की सहभागिता जरूरी है। परिवहन आयुक्त मुकेश जैन ने यह बात ‘ए रोडमेप टू रोड सेफ्टी : राइट्स एण्ड ड्यूटीज” विषय पर आयोजित ऑनलाइन वर्कशॉप के दूसरे दिन कही। आईआईटी, दिल्ली के प्रोफेसर गीतम तिवारी ने अपने संबोधन में कहा कि दुर्घटना-रहित सड़क यातायात के लिये राजमार्गों की प्रॉपर डिजाइनिंग की जाना आवश्यक है। पुलिस प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक डी.सी. सागर ने बताया कि वर्कशॉप में सभी नोडल एजेंसियों के अधिकारियों द्वारा सहभागिता की जा रही है। निश्चित ही इससे सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने में मदद मिलेगी।

सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिये आयोजित 6 दिवसीय वर्कशॉप के दूसरे दिन परिवहन आयुक्त मुकेश जैन ने ‘इम्पलीमेंटिंग विजन जीरो इन मध्यप्रदेश” विषय पर संबोधित करते हुए कहा कि लक्ष्य की प्राप्ति के लिये सभी को मिलकर कार्य करना होगा। सड़क का उपयोग करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को नियम का पालन करना होगा। रूल्स ऑफ रोड सेफ्टी के नियमों का बेहिचक सख्ती से पालन कराना होगा। नियमों के उल्लंघन पर नियमानुसार दण्डित भी करना होगा। सभी एजेंसियों को अपनी-अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन भली-भाँति करना होगा।

वर्कशॉप के द्वितीय सत्र में प्रो. तिवारी ने राजमार्गों को यातायात के लिये सुगम और सुरक्षित बनाने की दृष्टि से उनकी डिजाइनिंग पर समुचित ध्यान दिये जाने की आवश्यकता बताई। उन्होंने अपने संबोधन में राज्य सड़क सुरक्षा नीति के 4-E की परिकल्पना को सक्रियतापूर्वक साकार करने पर जोर दिया। प्रो. तिवारी ने कहा कि सुरक्षित सड़क के लिये एजुकेशन, एनफोर्समेंट, इंजीनियरिंग और इमरजेंसी अंतर्गत सभी कार्य सुचारु रूप से समयबद्ध तरीके से करने को कहा। उन्होंने राजमार्गों पर दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिये स्पीड हम्प्स, राउण्ड अबाउट्स, बार मार्कर्स, डिस्टेंस मेकर्स, ओडेबल मेकर्स और सड़क सुरक्षा से संबंधित संकेतक सही स्थान पर लगाने को कहा।

वर्कशॉप में प्रदेश के पुलिस अधिकारी और अन्य नोडल एजेंसियों के अधिकारीगण ऑनलाइन सम्मिलित हुए।

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