भोपाल। हाईकोर्ट द्वारा हड़ताल को अवैध करार दिए जाने के बाद भी गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल समेत प्रदेश भर में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल जारी है। चेतावनी के बाद भी काम पर लौटने के कारण जीएमसी में शुक्रवार को 329 जूनियर डॉक्टरों पर एफआई दर्ज कराई जाएगी, कॉलेज व हॉस्टल से निष्कासन व हाईकोर्ट में अवमानना याचिका लगाई जाएगी। कॉलेज प्रबंधन ने सभी छात्रों को गुरुवार देर रात तक काम पर लौटने का नोटिस दिया था।
20 हजार रुपए तक स्टायपेंड बढ़ाने की मांग को लेकर जूडा सोमवार से बेमियादी हड़ताल पर हैं। एस्मा के बाद भी हड़ताल खत्म नहीं करने पर सरकार ने 5 मेडिकल कॉलेजों के 24 जूनियर डॉक्टरों कॉलेज से निष्कासित कर दिया है। इनमें 19 के मप्र मेडिकल काउंसिल ने पंजीयन निरस्त कर दिए हैं। जूडा यह कार्रवाई वापस लेने पर हड़ताल खत्म करने की बात कहा रहा है। जीएमसी जूडा ने कहा कि शुक्रवार को सीएम से मिलने के बाद ही हड़ताल खत्म करने पर निर्णय लेंगे।
उधर, सोमवार से 7वें वेतनमान की मांग कर रहे सभी कॉलेजों के स्वशासी कर्मचारियों ने गुरुवार सुबह 8 बजे से आमद दे दी। कुछ ने बुधवार रात में ही ज्वाइन कर लिया था।
विदिशा मेडिकल कॉलेज के फैकल्टी व एसआर की ड्यूटी लगाई
विदिशा मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसरों व सीनियर रेसीडेंट की ड्यूटी हमीदिया में लगाई है। इससे मरीजों को कुछ राहत मिली है। आईसीसीयू समेत अहम वार्डों मे इनकी ड्यूटी लगाई गई है। बुधवार दोपहर आईसीसीयू में कोई डॉक्टर नहीं था, जबकि यहां पर दिल के गंभीर मरीज भर्ती रहते हैं।
फोर्डा व मेडिकल ऑफीसर्स ने किया समर्थन
फेडरेशन ऑफ रेसीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) जूडा के खिलाफ कार्रवाई का विरोध किया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. विवेक चौकसे ने कहा कि देशभर में रेसीडेंट डॉक्टर काली पट्टी बांधकर काम करेंगे। मप्र मेडिकल ऑफीसर्स एसोसिएशन के संरक्षक डॉ. ललित श्रीवास्तव ने कहा कि जूडा की मांग जायज है, उन पर इस तरह से कार्रवाई नहीं करनी चाहिए।
ओपीडी बढ़ी, पर ऑपरेशन टले
जूडा हड़ताल के चलते सबसे ज्यादा दिक्कत अस्पताल के लिए भर्ती मरीजों को रही है। अस्पताल में अलग-अलग विभाग में करीब 150 मरीज सर्जरी के लिए इंतजार कर रहे हैं। वे हड़ताल के 5 से 10 दिन पहले से ही भर्ती हैं। जूडा की हड़ताल के चलते सिर्फ इमरजेंसी ऑपरेशन हो रहे हैं। वार्डो में मरीजों को कहा जा रहा है कि अभी चले जाओ। हड़ताल के बाद आ जाना। हड्डी वार्ड में भर्ती विदिशा के करोंद वार्ड में भर्ती मरीज छोटेलाट को भी कंसल्टेंट व रेसीडेंट डॉक्टरों ने इसी तरह की सलाह दी है।
दिनभर चला समझाइश व मीटिंग का दौर
हड़ताल खत्म कराने के लिए जूडा के सभी प्रतिनिधियों को डीन ऑफिस बुलाकर विभाग प्रमुखों ने समझाया। इसके बाद भी हड़ताल खत्म नहीं की तो रात में संभागायुक्त कवीन्द्र कियावत व डीन ने समझाने की कोशिश की। जूडा निष्कासित कर्मचारियों को वापस लेने पर अडिग है। उधर, एस्मा के तहत गिरफ्तारी के डर से जीएमसी जूडा के कुछ प्रतिनिधि सामने नहीं आ रहे हैं।