ग्वालियर । भिण्ड जिले के गोहद में एक विधबा महिला द्वारा गरीबी से तंग आकर अपने चार मासूम बच्चों सहित आग लगा लेने से गम्भीर रुप से जली महिला की कल रात्रि को इलाज के दौरान मौत हो गई, जबकि मासूम बच्चे अभी भी जिन्दगी मौत से ग्वालियर के जयारोग्य चिकित्सालय में  संघर्ष कर रहे है।
गोहद के अनुविभागीय अधिकारी पुलिस अमरनाथ वर्मा ने आज यहां बताया कि गोहद निवासी विधवा महिला बिट्टोबाई 35 वर्ष का बीमार पति जबरसिंह धोबी का दो वर्ष पहले टीबी रोग से पीडित होने के कारण निधन हो गया था। पति की मौत के बाद इन्कम का कोई जरिया नहीं होने के कारण बिट्टोबाई अपने चार मासूम बच्चों का भरण-पोषण नहीं कर पा रही थी। इसलिये उसने अपने बच्चों सहित आग लगाकर आत्म हत्या का प्रयास किया था। गम्भीर रुप से जली महिला की कल ग्वालियर के जयारोग्य चिकित्सालय में मौत हो गई।
बताया गया है कि विधवा महिला बिट्टोबाई अपने चार बच्चों रचना 10 वर्ष, अभिषेक 7 वर्ष, 5वर्षीय बेटी सोनू और 2 वर्षीय पुत्र सचिन के साथ वह अपने जेठ राजू धोबी के साथ रहने लगी। राजू रजक की स्थिति अच्छी नहीं होने से उसके बच्चों की परिवरिश नहीं हो पा रही थी। बच्चों को रोते बिलखते देख वह काफी परेशान रहती थी। 28 फरवरी की रात्रि को बिट्टोबाई ने अपने सभी बच्चों को कमरे में बंद कर कैरोसिन डालकर आग लगा ली। गम्भीर रुप से जले सभी लोगों को ग्वालियर के शासकीय जयारोग्य चिकित्सालय में दाखिल कराया गया जहां जिन्दगी और मौत से पाच दिनों तक संघर्ष करते हुए बिट्टोबाई मौत से हार गई।

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