ग्वालियर । प्रदेश के जनसंपर्क, जल संसाधन एवं संसदीय कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र ने कहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में जितने भी अभिनव नवाचार हुए हैं, वे गरीबों व किसानों के आर्थिक एवं सामाजिक उत्थान को दृष्टिगत रखते हुए किए गए हैं। भावान्तर भुगतान योजना भी किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सके, को दृष्टिगत रखते हुए एक अभिनव नवाचार है, जो पूरे देश में क्या, विश्व में भी नहीं है। मंत्री डॉ. मिश्र सोमवार को कृषि उपज मंडी डबरा में भावान्तर भुगतान योजना के शुभारंभ अवसर पर मुख्य अतिथि बतौर किसानों को संबोधित कर रहे थे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता मुकेश बंटी गौतम ने की। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में भाजपा जिला ग्रामीण अध्यक्ष वीरेन्द्र जैन, नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती आरती मौर्य, एसडीएम श्रीमती सीतला पटले, पूर्व मंडी अध्यक्ष अशोक गौतम, जिला पंचायत सदस्यस सरदार सिंह परिहार, मंडी उपाध्यक्ष जब्बर सिंह सहित अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जनसंपर्क, जल संसाधन एवं संसदीय कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र ने कहा कि मुख्यमंत्रीशिवराज सिंह चौहान ने किसानों के हित में भावान्तर भुगतान योजना लागू करके ऐसी अभिनव पहल की है, जो देश में ही नहीं सम्पूर्ण विश्व में नहीं मिलेगी। उन्होंने कहा कि किसानों को समर्थन मूल्य पर दिए जाने वाले बोनस को जिस समय बंद किया था, उसी समय से मुख्यमंत्री किसानों के लिये छटपटा रहे थे कि कैसे किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिले। इसी को दृष्टिगत रखते हुए मुख्यमंत्री ने भावान्तर योजना की शुरूआत की है।
डॉ. मिश्र ने कहा कि आज तक जितने भी नवाचार हुए हैं, वो गरीबों एवं किसानों को सामने रखकर किए गए हैं। उन्होंने कहा कि जितने भी नवाचार हुए हैं, उनमें से अधिकांश केन्द्र शासन एवं देश के अन्य राज्यों ने अपनाया है। उन्होंने लाड़ली लक्ष्मी योजना का जिक्र करते हुए कहा कि इस योजना को सभी प्रदेशों ने अपनाया है। मुख्यमंत्री कन्यादान योजना को केन्द्र ने और तीर्थदर्शन योजना को अन्य प्रदेशों ने अपनाया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में बनी सभी कल्याणकारी योजनायें देश और प्रदेश को कायाकल्प करने वाली योजनायें हैं। उन्होंने कहा कि कृषक कल्याण आयोग बनाने की पहल भी सरकार ने की। कृषि कैबिनेट भी मध्यप्रदेश में बनी। इसमें पृथक से बजट का प्रावधान किया गया। उन्होंने कहा कि हम एक बार नहीं चार बार कृषि कर्मण अवार्ड प्राप्त कर चुके हैं। हमारी कृषि ग्रोथ 24 प्रतिशत है।
डॉ. मिश्र ने सिंचाई व्यवस्थाओं पर चर्चा करते हुए कहा कि आज प्रदेश में साढ़े 37 लाख हैक्टेयर में नहरों द्वारा सिंचाई हो रही है। उन्होंने कहा कि नलकूपों और तालाबों को भी अगर जोड़ें तो प्रदेश में 45 लाख हैक्टेयर क्षेत्र जिसमें सिंचाई का रकबा आता है, सिंचाई हो रही है। उन्होंने कहा कि नहरों में अंतिम छोर (टेल) तक पानी पहुँचे, इसके प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा ‍िक 21 अक्टूबर से पलेवा के लिये पानी देना शुरू किया जायेगा। तब तक पानी देते रहेंगे, जब तक टेल एण्ड तक पानी नहीं पहुँच जाता है। विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित भाजपा जिला ग्रामीण अध्यक्ष वीरेन्द्र जैन ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में चलाई जा रही योजनाओं का विस्तार से उल्लेख किया।
एसडीएम श्रीमती सीतला पटले ने कहा कि भावान्तर योजना के तहत अभी तक डबरा क्षेत्र के 2200 किसानों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है। उन्होंने कहा कि दो दिन के लिये ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की गई है। जिन किसानों ने रजिस्ट्रेशन नहीं कराए हैं वे शीघ्र दो दिवस में रजिस्ट्रेशन करा लें। इसके पूर्व मंडी अध्यक्ष मुकेश गौतम ने स्वागत भाषण देते हुए मंडी में टीनशेड, सीसी रोड बनाने और सुलभ शौचालय बनने की मांग रखी। इस अवसर पर मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र ने किसानों को भावान्तर योजना के प्रमाण-पत्र भेंट किए। उन्होंने उत्कृष्ट सेवा करने वाले मजदूरों को भी शॉल-श्रीफल देकर सम्मानित किया।

मंडी टीनशेड के लिये 5 करोड़ रूपए देने की घोषणा
जल संसाधन एवं जनसंपर्क मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र ने मंडी अध्यक्ष की मांग पर डबरा कृषि उपज मंडी में टीनशेड लगाने के लिये 5 करोड़ रूपए राज्य मंडी बोर्ड से दिलाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि नगर पालिका द्वारा वार्डों में विकास करने का सिलसिला शुरू किया है। कोई भी क्षेत्र विकास कार्यों से अछूता नहीं रहेगा। इस मौके पर डबरा की अध्यक्ष श्रीमती सीमा रामू, सर्वश्री धमेन्द्र गुर्जर, हेमन्त रावत, मुन्नालाल ढ़ेंगरे, अन्य कार्यकर्ता, मंडी सदस्य सहित बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे।

किसानों ने एलईडी के माध्यम से मुख्यमंत्री के भाषण को भी सुना
इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सागर जिले की खुरई मंडी से भावान्तर भुगतान योजना के शुभारंभ अवसर पर दिए भाषण को डबरा मंडी में लगाई गई एलईडी के माध्यम से किसानों ने उत्साह के साथ सुना।

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