जम्मू-कश्मीर में एकतरफा सीजफायर समाप्त किए जाने की घोषणा से जवानों का हौसला बढ़ गया है। रमजान में पत्थरबाजों के हिंसक प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा बलों के हाथ बंधे हुुए थे। अब सुरक्षा बलों ने आतंकियों के खिलाफ कमर कस ली है। पत्थरबाजों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। सीजफायर खत्म होते ही सोमवार को बांदीपोरा में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ चल रही है। जिसमें अभी तक सेना ने चार आतंकियों को मार गिराया है। उधर, बिजबेहरा इलाके में कुछ आतंकियों के छिपे होने की खबर के बाद सेना ने इलाके को घेर रखा है।
वहीं 14 जून को पुलवामा में आतंकियों द्वारा मारे गए औरंगजेब की हत्या के बाद उसके परिवार से मिलने के लिए सेनाध्यक्ष बिपिन रावत उसके पूंछ स्थित घर पहुंचे हैं। जवान का पार्थिव शरीर गूसू गांव से बरामद हुआ था।

बता दें कि सुरक्षा बलों ने रमजान मेें पथराव करने वाले युवाओं की शिनाख्त करनी शुरू कर दी है। सुरक्षा बलों के लिए श्री अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा कड़ी चुनौती है। अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिए केंद्रीय सुरक्षा बल की 80 कंपनियां जम्मू-कश्मीर पहुंच गई हैं। इनमें से 30 कंपनियां जम्मू में तैैनात की गई हैं। आईजी जम्मू एसडी सिंह जमवाल के अनुसार बेस कैंप में लाइटों का विशेष प्रबंध किया गया है।

ईद के अगले दिन गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू और कश्मीर में जारी संघर्ष विराम को खत्म कर दिया था। सरकार द्वारा एक महीने तक युद्ध विराम की घोषणा किए जाने के बाद से राज्य में आतंकी घटनाओं में तेजी देखी गई। इसके अलावा 28 जून से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमले की आशंका के मद्देनजर केंद्र ने युद्ध विराम की मियाद को आगे ना बढ़ाने का फैसला लिया है। सेना ने भी केंद्र से युद्ध विराम की अवधि ना बढ़ाए जाने की अपील की थी।

युद्ध विराम को खत्म करने की घोषणा के एक घंटे बाद ही 45 साल के शख्स की अज्ञात बंदूकधारियों ने दक्षिणी कश्मीर के कुलगाम जिले में गोरी मारकर हत्या कर दी। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि संदिग्ध आतंकी इकबाल कवाक के घर में घुस आए और उन्होंने गोलियां चलानी शुरू कर दी। कुलगाम के पुलिस अधीक्षक ने कहा, ‘तीन आतंकियों ने कवाक के घर को निशाना बनाया था। इस घटना में वह गंभीर रूप से घायल हो गया।’

कवाक को आखिर क्यों निशाना बनाया गया यह अभी तक साफ नहीं है। वह उपभोक्ता मामलों और सार्वजनिक वितरण विभाग का कर्मचारी था। हरमीत सिंह ने कहा, ‘यह साफ नहीं है कि उसे क्यों टार्गेट किया गया। वह तो एक नागरिक था।’ पिछले एक हफ्ते के अंदर कश्मीर में मारे जाने वाले कवाक का नंबर 12वें शख्स थे।

आपरेशन आल आउट में अब तक 300 ढेर
घाटी में पिछले वर्ष यानी 2017 में आपरेशन आल आउट के तहत 218 आतंकी ढेर किए गए थे। इनमें विभिन्न आतंकी संगठनों के कई टाप कमांडर भी रहे। 2018 में अब तक 77 आतंकियों को विभिन्न आपरेशनों में मार गिराया गया है। इनमें अबु दुजाना व समीर टाइगर जैसे दुर्दांत आतंकी भी शामिल रहे हैं।

राजनाथ ने भी टटोली थी नब्ज
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी अपने सात व आठ जून को रियासत दौरे के दौरान आतंकवाद निरोधक अभियान पर रोक को लेकर नब्ज टटोली थी। उन्होंने सुरक्षा एजेंसियों से इनपुट लिए थे। दौरे से लौटने के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री को रिपोर्ट सौंपी थी।

औरंगजेब और शुजात की हत्या से स्थिति और हुई विस्फोटक
सेना के जवान औरंगजेब की अपहरण के बाद बेरहमी से की गई हत्या तथा वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या से स्थिति और विस्फोटक हो गई। इन दोनों घटनाओं के बाद सीजफायर को आगे न बढ़ाए जाने की भाजपा की ओर से भी आवाज मुखर होने लगी थी।

रमजान में घटनाएं
– 65 आतंकी घटनाएं
– 22 ग्रेनेड हमले सुरक्षा बलों पर
– 23 बार सुरक्षा बलों पर अंधाधुंध फायरिंग
– 07 बार नागरिकों पर हमले
– 12 बार हथियार लूट की कोशिशें
– 03 घुसपैठ की कोशिशें, 14 आतंकी ढेर
– 15 बार आईबी व एलओसी पर सीजफायर तोड़ा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *