इस्लामाबाद: पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने शुक्रवार को सशस्त्र बलों, विधि प्रवर्तन एजेंसियों, एक शिक्षा संस्थान को तबाह करने और निर्दोष आम नागरिकों की हत्या के दोषी 11 ‘‘कट्टर आतंकियों’’ के मौत की सजा की पुष्टि की । करीब तीन हफ्ते पहले भी उन्होंने 13 अन्य को फांसी देने की मंजूरी दी थी। 2014 में पेशावर के एक स्कूल में तालिबान द्वारा किए गए नृशंस हमले के बाद देश में सन्य अदालतों का गठन किया गया। हमले में 150 से ज्यादा लोग मारे गए जिनमें से अधिकतर छात्र थे।

जनरल बाजवा ने दावा किया कि देश आतंकवाद को हराने के लिए ‘‘सकारात्मक पथ’’ पर है। उन्होंने देश को अंधेरे की ओर धकेलने का प्रयास कर रही ‘‘सभी द्वेषपूर्ण ताकतों’’ को हराने का आह्वान किया। पाकिस्तान पर आतंकवादियों की पनाहगाहों को खत्म करने का अंतर्राष्ट्रीय दबाव बढ़ने पर उन्होंने कहा कि आतंकवाद वैश्चिक समस्या है और इससे सामूहिक तौर पर निपटने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद के सभी रूपों की कड़ी निंदा करता है और उन्होंने शांति कायम करने के लिए व्यवस्था एवं शांति की सभी ताकतों को पूरा समर्थन दिया।

पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा का मानना है कि शांति और समृद्धि की राह भारत के साथ सैन्य सहयोग के रास्ते होकर जाती है। पाकिस्तान के एक विशेषज्ञ ने एक ब्रिटिश थिंक टैंक कमेंट्री में कहा कि पड़ोसी देश में नीतिगत फैसलों पर गहरा प्रभाव रखने वाली पाक थल सेना ने देश की आजादी के बाद कई बरसों तक सत्ता को अपने नियंत्रण में रखा है। ब्रिटेन के रॉयल यूनाइट्स सर्विस इंस्टीट्यूट में विजिटिंग फेलो कमाल आलम ने कहा कि हाल ही में पाकिस्तान के आर्मी चीफ ऑफ स्टाफ जनरल बाजवा ने भारतीय सैन्य अताशे संजय विश्ववासराव और उनकी टीम को इस्लामाबाद में पाकिस्तान सैन्य दिवस परेड के लिए आमंत्रित किया था।

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