ग्वालियर। राष्ट्र संत विहर्ष सागर महाराज ने स्थानीय खण्डा रोड पर आयोजित एक धर्म सभा में कहा कि साधू संत किसी व्यक्ति विशेष का नहीं, बल्कि समाज की धरोहर होते है। कोई भी व्यक्ति अगर संतो ंके चरणों में आता है तो वह निश्चित ही आर्शीवाद का हकदार हो जाता है। किसी कभी भी जाति को नहीं देखते वह सभी समाज के होते है। इसलिए सभी को एक नजर से देखते है। भिण्ड ऋषि मुनियों की तपोभूमि रही है। मैं 5 साल बाद पुनः श्रद्धा और भक्ति की नगरी में आया हूॅ। उन्होंने कहा कि जब भी देश की राजनीति लडखडाई है तब संतों ने सदमार्ग दिखाया है। उन्होंने कहा कि देश में पर्यावरण की हालत काफी खराब है। इसलिए महाराज जी ने यह निर्णय लिया है कि वह उस व्यक्ति के यहां आहारचर्या के लिए जाऐंगे जो 5 पेड लगाने का संकल्प लेगा।
राष्ट्र संत विहर्ष सागर महाराज ने कहा कि चंबल संभाग के भिण्ड जिले में कभी गोलियों की गूॅंज सुनाई देती थी, अब भक्ति का सैलाब उमड पडा है। चंबल में अब डकैत नहीं, साधू संत पैदा होकर देश भर में धर्म का प्रचार-प्रसार कर रहे है। मुनिश्री का सत्संग सहित भिण्ड की तपोभूभि पर प्रवेश होने पर धर्मावलंबियों द्वारा जगह-जगह तोरण द्वार, रंगोली सजाते हुए स्वागत किया गया।