गुना ! डेंगू, चिकनगुनिया की बीमारी का खतरा अभी टला भी नहीं था, कि गुना से सटे पड़ोसी जिलों में स्क्रब टाइफस नाम की बीमारी ने दस्तक दे दी है। यह बीमारी पानी भराव वाले क्षेत्रों में पनपने वाले परजीवी ओरिएंटा सुसुगामुशी एवं चूहों (पिस्सू) से फैलती है। गुना से सटे राजगढ़, भोपाल, विदिशा, सागर सहित कई जिलों में इस बीमारी से पीडि़त मरीज मिले हैं। इसमें संक्रमित घुन या चूहे के काटने के बाद पहले हल्का निशान पड़ता है। धीरे-धीरे पूरे शरीर पर लाल धब्बे पडऩा शुरू हो जाते हैं। यदि समय रहते इलाज नहीं मिले तो मरीज की मौत भी हो सकती है। पड़ोसी जिलों में बीमारी की पुष्टि के बाद राज्य शासन ने सभी गुना जिले के सीएमएचओ एवं सिविल सर्जन को अलर्ट जारी किया है। इसमें चूहों पर नियंत्रण रखने के लिए मेटीसाइड दवा का प्रयोग करने की हिदायत दी गई है। साथ ही लोगों को फुल कपड़े एवं शरीर के खुले भागों पर घुन से बचाव वाली क्रीम का उपयोग करने की सलाह भी दी गई है।
ऐसे फैलती है यह बीमारी: -जलजमाव वाले इलाकों, पहाडी क्षेत्रों, घने जंगली इलाकों एवं खेतों में यह कीड़ा पनपता है। इस कीड़े को ओरिएंटा सुसुगामुशी कहते हैं। साथ ही इसके वाहक चूहे भी होते हैं। कीड़ा या चूहा जब काटता है तो लार्वा के जरिए यह जीवाणु मानव शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। इसके बाद यह जीवाणु लिवर, दिमाग एवं फैंफड़ों को संक्रमित कर देता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती जाती है। यदि इलाज न मिले तो मल्टी आर्डर डिसआर्डर भी हो सकता है।
ये हैं बचाव के तरीके: एलाइजा टेस्ट व इम्युनोफ्लोरेसेंस टेस्ट से स्क्रब टाइफस एंटीबॉडीज का पता लगाया जाता है। बरसात के दिनों में जंगली पौधे खुद व खुद उगने लगते हैं। इसके चलते घर के आसपास घास झाडियां न उगने दें और समय पर सफाई करते रहें। घास या झाडिय़ों में अगर आप जाते हैं तो जूते और ग्लब्ज आदि का उपयोग जरूर करें। ऐसे कपड़े का उपयोग करें, जिससे आपका शरीर अच्छी तरह से ढंका रहे। आसपास जलजमाव बिल्कुल न होने दें।
चूहे या परजीवी के काटने से वहां फफोलेनुमा काली पपड़ी जैसा निशान बन जाता है। मरीज को तेज बुखार होता है। मांसपेशियों में दर्द व शरीर में कमजोरी आने लगती है। जी मचलाना, भूख न लगना, खाने की इच्छा में कमी, पेट खराब होना हो सकता है।गंभीर अवस्था में रोगी के प्लेटलेट्स की संख्या भी कमी आने लगती है।
सीएमएचओ डॉ. पीके मिश्रा ने राज्य शासन से मिले निर्देशों के बाद सभी अस्पतालों को इस बीमारी को लेकर अलर्ट रहने के निर्देश जारी किए हैं। यदि कहीं भी कोई इस बीमारी से पीडि़त मरीज मिलता है तो इसकी सूचना देने की अपील की गई है। इसे लेकर विशेष सजगता बरती जा रही है।

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