भोपाल । विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को अपेक्षित सफलता नहीं मिलने के पीछे पराजित प्रत्याशियों ने भितरघात और जिलों में तैनात सरकारी अधिकारियों के पक्षपात की शिकायतें रखीं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 115 सीटों पर हारे प्रत्याशियों से सभी क्षेत्रों का फीडबैक लिया। उन्होंने कहा कि मेरे पास ऐसे सभी अफसरों की सूची और सर्वे रिपोर्ट मौजूद है, आप लोग अपनी रिपोर्ट भी सौंप दें, कार्रवाई होगी। कमलनाथ बोले कि अपनी सरकार है। मेरे लिए आप ही उस क्षेत्र के विधायक हैं। अपने आप को पराजित न मानें, सभी का मान-सम्मान बरकरार रहेगा। लोकसभा चुनाव के लिए पूरी ताकत से जुट जाएं।

विधानसभा चुनाव में हारी हुई सीटों की समीक्षा बैठक में कमलनाथ के सामने ज्यादातर नेताओं ने अपने क्षेत्र की मैदानी हकीकत बताई। कई लोगों ने जिला प्रशासन के ऐसे अफसरों की नामजद शिकायतें और पार्टी के जिलाध्यक्ष सहित पदाधिकारियों का ब्योरा भी लिखित में सौंपा। मुख्यमंत्री ने सभी कांग्रेसियों को यह नसीहत भी दी कि जिन अफसरों ने पक्षपात किया है, उनके नाम का उल्लेख मीटिंग में न करें, मुझे लिखित में सौंप दें, मेरे पास सभी का कच्चा चिट्ठा है, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। सभी की जन्मपत्री निकाल रहा हूं। उन्होंने यह भी हिदायत दी कि अफसरों की सिफारिश भी सोच-समझकर करना। मैंने तय कर लिया है कि लूप लाइन में पड़े अफसरों को मैदानी पोस्टिंग दी जाएगी और मलाईदार पदों पर अब तक रहे भाजपा के हितैषी रहे कर्मचारी हाशिए पर जाएंगे।

नेता प्रतिपक्ष रहे अजय सिंह ने अपने क्षेत्र चुरहट के एक वन अधिकारी का नाम लिया। साथ ही बताया कि आजीविका मिशन के जरिए स्वरोजगार उपलब्ध कराने और स्वसहायता समूह की गतिविधियों से सरकारी मशीनरी ने भाजपा को लाभ पहुंचाया। खासतौर से इसका असर कोल जनजाति के वोट बैंक पर ज्यादा रहा। कोल जनजाति पारंपरिक रूप से कांग्रेस के मतदाता रहे हैं, लेकिन इस बार वे छिटक गए। इसका असर पूरे विंध्य क्षेत्र में रहा। पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ. राजेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री कमलनाथ और प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया को पहले ही अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। उन्होंने भी टिकट वितरण की खामियां और कमोबेश ऐसे ही कारणों पर रोशनी डाली है।

चुनाव में हाईप्रोफाइल सीट रही खुरई से पराजित अरुणोदय चौबे ने कहा कि उनके क्षेत्र में पांच साल से गुंडाराज चल रहा था। सिंहस्थ और व्यापमं घोटाले की जांच हो जाए तो सब धमाचौकड़ी भूल जाएंगे। हुजूर सीट पर पार्टी का जनाधार बढ़ाने के बावजूद जीत से कुछ दूर रहे नरेश ज्ञानचंदानी ने कहा कि लोकसभा चुनाव में भाजपा का किला ध्वस्त हो जाएगा।

कुछ नेताओं ने पूर्व विधायकों को जिला योजना समिति का सदस्य बनाने का सुझाव भी दिया। मुख्यमंत्री ने दोहराया कि अपना मनोबल ऊंचा रखें, स्वयं को हारा हुआ न मानें। अपनी सरकार है आप जनता से जुड़े काम करें। कोई अधिकारी बात नहीं सुनता मुझे बताएं। उन्होंने यह भी कहा कि टीआई, एसडीएम स्तर तक की शिकायतें मंत्री से करें और वरिष्ठ अफसरों के बारे में मुझे जानकारी दें। उन्होंने सभी से दो दिन के भीतर रिपोर्ट देने को कहा। जिन्होंने खुलकर विरोध किया अथवा जो घर बैठ गए उनके नाम दें।

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