भोपाल । चुनाव डयूटी में लगाए गए 9 अधिकारी-कर्मचारियों की नौकरी चुनाव ड्यूटी निरस्त कराने के चक्कर में खतरे में पड़ गई है। दरअसल, जिला निर्वाचन अधिकारी के पास बीमारी का बहाना बनाकर चुनाव ड्यूटी निरस्त कराने के लिए थोक के भाव आवेदन आ रहे थे। लिहाजा कलेक्टर डॉ सुदाम पी खाडे ने मेडिकल बोर्ड का गठन कर ऐसे सभी आवेदनों को मेडिकल बोर्ड को सौंप दिया। 59 आवेदन मेडिकल बोर्ड को अब तक भेजे गए। इसमें से 9 अधिकारी-कर्मचारी को मेडिकल बोर्ड ने चुनाव ड्यूटी के लिए अनफिट पाया है। इसकी रिपोर्ट बोर्ड ने जिला निर्वाचन अधिकारी को भेज दी है।
इधर, जिला निर्वाचन कार्यालय इन सभी अधिकारियों के संबंधित विभाग को इनकी सेवाएं समाप्त करने के लिए पत्र लिखने पर विचार कर रहा है। निर्वाचन आयोग के नियमों के अनुसार कलेक्टर मेडिकल बोर्ड में अनफिट पाए गए कर्मचारियों की सेवा समाप्त करने का प्रस्ताव दे सकता है।
बता दें कि सबसे ज्यादा आवेदन माता-पिता की सेवा करने के कारण चुनाव ड्यूटी निरस्त कराने के आए थे। वहीं दूसरे नंबर पर बीमारी जैसे हाई वीपी, हाई शुगर, हार्ट पेशेंट कहकर चुनाव ड्यूटी निरस्त कराने वाले आवेदन भी आए थे।

इधर, जिला निर्वाचन कार्यालय ने कुल 5 हजार अधिकारी-कर्मचारियों की चुनाव ड्यूटी लगाई थी। इसमें से दो हजार ने ड्यूटी निरस्त कराने के लिए आवेदन कर दिया। इसमें अधिकांश वे महिलाएं है जो गर्भवती है और विभाग ने इनकी भी ड्यूटी लगाने के लिए डाटा भेज दिया था। इन सभी की ड्यूटी निरस्त कर दी गई है।

अहमद बेग, सुनील कुमार खरे, के स्वामी नाथन, अभिषेक भाटिया, मीना धनोलिया, मनीषा बैरी, नाहिद खान, सावित्री बाई व सुरेंद्र पाल सिंह को मेडिकल बोर्ड ने अनफिट घोषित कर दिया है।

पांच साल में एक बार चुनाव के महापर्व में अपना योगदान देने का मौका मिलता है। लिहाजा अधिकारी कर्मचारियों को ड्यूटी निरस्त कराने की वजाए चुनाव ड्यूटी करना चाहिए। हर दिन चुनाव ड्यूटी निरस्त कराने के लिए 50 आवेदन आ रहे है, ऐसा नहीं होना चाहिए – जेपी सचान, एडीएम, भोपाल

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