भोपाल. मध्य प्रदेश में उपचुनाव  को लेकर चुनाव आयोग ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं. मतदाता सूची में नाम जोड़ने का मामला हो या संशोधन का या फिर एक विधानसभा से दूसरे विधानसभा में नाम जुड़वाने का, इस तरीके के सभी आवेदनों पर काम किया जा रहा है. चुनाव आयोग के मुताबिक, बीते 5 महीने में 13 लाख आवेदन आए हैं. इनमें से नामों में संशोधन के सबसे ज्यादा 9 लाख 71 हजार आवेदन आए हैं. साथ ही 2 लाख आवेदन नाम जोड़ने और 2 लाख एक विधानसभा से विधानसभा दूसरे का नाम जोड़ने के आवेदन आए हैं. दरअसल, प्रदेश में 15 जिलों के 24 विधानसभा में उपचुनाव (Election commission) होना है. चुनाव आयोग ने जनवरी में सूची का अंतिम प्रकाशन किया था, तब प्रदेश में 5 करोड़ 22 लाख 103 मतदाता थे.

गौरतलब है कि बीजेपी की सरकार बनने के साथ ही उपचुनाव की सरगर्मी तेज हो गई थी, लेकिन कोरोना की वजह से अभी तक तारीखों का ऐलान नहीं हो पाया है. बीते 3 महीनों के अंदर कोरोना के कारण किसी भी तरीके की चुनाव से जुड़ी गतिविधियां सामने नहीं आई. लेकिन अब जैसे-जैसे लॉकडाउन में आम जनता को रियायतें दी जा रही हैं वैसे-वैसे उपचुनाव की सरगर्मी भी तेज हो रही है. इसी इस बीच चुनाव आयोग ने अपने स्तर पर मतदाता सूची को तैयार करने का काम शुरू कर दिया है. आयोग मतदाता सूची पूरी तरीके से बनाने के बाद उसका प्रकाशन भी करेगा.

राजनीतिक पार्टियों ने भी उपचुनाव की तैयारियां तेज कर दी है. बीजेपी नेता कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं तो वहीं बड़ी संख्या में कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता भी बीजेपी में शामिल हो रहे हैं. वहीं, प्रदेश बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने काम नहीं किया है. यही कारण है कि वे सरकार नहीं चला पाई. बता दें कि जिन- जिन सीटों पर उपचुनाव होना है, वहां बीजेपी कोरोना आपदा के बीच बड़ी तेजी से जनता से जुड़े और विकास के काम कर रही है. वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मानक अग्रवाल ने कहा कि जनता को पता है कि बीजेपी ने किस तरीके से सरकार बनाई है. अब उप चुनावों में जनता बीजेपी को सबक सिखाएगी. फिर कांग्रेस की सरकार बनेगी.

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