भोपाल ! मध्य प्रदेश में इसी वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने तैयारियों की समीक्षा शुरू कर दी है। आयोग ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजामों के साथ बाहुबल व धनबल के इस्तेमाल पर सख्ती से रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। भारत निर्वाचन आयोग के दो उप चुनाव आयुक्त विनोद जुत्शी और सुधीर त्रिपाठी ने मंगलवार को नई दिल्ली से वीडियो कांफ्रेंसिंग द्वारा मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा की। मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी जयदीप गोविंद ने निर्वाचन आयोग को अब तक की गई तैयारियों से अवगत करवाया।
उप चुनाव आयुक्त जुत्शी ने कहा कि सभी जिलों को अपनी निर्वाचन प्रबंधन योजना के अनुसार शासकीय अमले और पुलिस बल के डिप्लॉयमेंट का निर्धारण अभी से कर लेना चाहिए। जिला निर्वाचन अधिकारी अपने जिले के पुलिस अधीक्षक से डिप्लॉयमेंट प्लान पर चर्चा कर निर्णय लें। चिन्हांकित क्रिटिकल पोलिंग बूथ पर पुलिस बल के पुख्ता इंतजाम होना चाहिए। पुलिस बल के डिप्लॉयमेंट के लिए वर्ष 2008 और 2009 में आयोग द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन होना चाहिए। राज्य में निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव हो, गड़बड़ी वाले क्षेत्रों में सुरक्षा की मजबूत व्यवस्था हो। मसल पॉवर (बाहुबल) और मनी पॉवर के इस्तेमाल पर सख्ती से रोक लगाई जाए। निर्धारित समयावधि में लायसेंसधारियों से शस्त्र जमा कराए जाएं और चुनाव क्षेत्रों में शराब का वितरण कतई न होने दे।
जुत्शी ने प्रदेश के नक्सल प्रभावित जिलों में भी शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए कार्य-योजना तैयार करने को कहा। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की पूर्ति के लिए शासकीय विभागों से अमला लिया जाए।
वहीं सुधीर त्रिपाठी ने सात जून से प्रारंभ कराए गए मतदाता सूची के संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्य की प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि जिले अपने इलेक्शन प्लान के अनुसार कार्य करें। चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता का पूरा ध्यान रखा जाए।