चीन ने पाकिस्तान के लिए सोमवार (9 जुलाई, 2018) को दो सैटेलाइट लांच किए है। एक रिपोर्ट की मानें तो सैटेलाइट भारत की जासूसी के लिए लांच किए गए हैं। इनमें एक पीआरएसएस-1 सैटेलाइट है, जिसका निर्माण चीन में किया गया है। दूसरा सैटेलाइट पाकटीईएस -1 है, जिसे पाकिस्तान में ही विकसित किया गया है। इस सैटेलाइट का इस्तेमाल वैज्ञानिक प्रयोग के लिए किया जाएगा। दोनों सैटेलाइट सोमवार सुबह के वक्त पश्चिमी चीन के जिउकान सैटेलाइट लांचिंग सेंटर से लांच किए गए हैं।

एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक पीआरएसएस -1 का इस्तेमाल जमीन एवं संसाधन के सर्वेक्षण, प्राकृतिक आपदाओं की निगरानी, कृषि अनुसंधान, शहरी निर्माण और सीमा के अलावा सड़क क्षेत्र के लिए रिमोट सेंसिंग जानकारी उपलब्ध कराने के लिए किया जाएगा। चीन की सरकारी एजेंसी सिन्हुआ के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक अगस्त 2011 में संचार उपग्रह पाकसैट -1 आर के प्रक्षेपण के बाद से चीन और पाकिस्तान के बीच एक और अंतरिक्ष सहयोग हुआ है। पाकिस्तान के पहले पांच सैटेलाइट स्पेस में थे। हालांकि उनमें लांचर और उपग्रह निर्माण सुविधाएं नहीं थीं।
बता दें कि टेक्नोलॉजी ने भारत, पाकिस्तान से काफी आगे हैं। स्पेस में भारत के 43 ऑपरेशनल सैटेलाइट्स हैं। इसके अलावा मौसम के निगरानी के लिए स्पेस में भारत का रडार इमेजिंस सैटेलाइट भी है। साल 2016 में पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक में भारत ने इसी सैटेलाइट इमेंजिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया था। यह प्रक्षेपण लॉन्ग मार्च रॉकेट श्रृंखला का 279 वां अभियान और करीब दो दशक के बाद पहला अंतरराष्ट्रीय व्यावसायिक प्रक्षेपण है। 1999 में इसने मोटोरोला के इरिडियम उपग्रह का प्रक्षेपण किया था।

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