भोपाल । कांग्रेस विधायक प्रेम सिंह के निधन से खाली हुई चित्रकूट विधानसभा के उपचुनाव में कांग्रेस ने सीट बरकरार रखते हुए भाजपा को 14 हजार 133 मतों से करारी शिकस्त दी। कांग्रेस के नीलांशु चतुर्वेदी को 66 हजार 810 तो भाजपा के शंकरदयाल त्रिपाठी को 52 हजार 677 मत मिले। 2 हजार 455 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया।
मालूम हो, इससे पहले 2013 में हुए चुनाव में कांग्रेस के प्रेम सिंह ने भाजपा के सुरेंद्र सिंह गहरवार को 10970 वोटों से हराया था। इस तरह देखा जाए तो कांग्रेस की जीत का अंतर बढ़ा है। सिर्फ 7 राउंड में भाजपा आगे रविवार को सतना के वेंकट स्कूल में सुबह भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच चुनाव आयोग के पर्यवेक्षक की मौजूदगी में मतगणना शुरू हुई।
मतों की गिनती के 19 चक्र चले, जिसमें सिर्फ सात चक्र में ही भाजपा के शंकरदयाल त्रिपाठी को कांग्रेस के नीलांशु चतुर्वेदी से ज्यादा मत मिले। बाकी सभी चक्रों में कांग्रेस आगे रही। यहां 9 नवंबर को मतदान हुआ था।
जिस गांव में सीएम रुके, वहां से भी भाजपा को नहीं मिले वोट
भाजपा ने चित्रकूट में पूरी ताकत झोंक दी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने 29 सभाएं, 11 रोड शो किए और तीन दिन चित्रकूट में रुके। सीएम जिस तुर्रा गांव में आदिवासी लल्लू सिंह गोंड के घर रुके, उस गांव में भी भाजपा हार गई। भाजपा इस सीट को इतनी अहम मान रही थी कि उसने मैदान में 29 मंत्री समेत संगठन के दिग्गज नेताओं की फौज उतार दी थी। खुद उत्तर प्रदेश के ओबीसी चेहरा व डिप्टी सीएम केशवप्रसाद मौर्य रोड शो करने चित्रकूट आए। भाजपा नेताओं ने 750 से ज्यादा सभाएं भी कीं, पर वे जनता के दिल में उतर नहीं पाए।
अपनी ससुराल और गांव में भी हारे भाजपा प्रत्याशी
भाजपा प्रत्याशी शंकरदयाल त्रिपाठी अपनी ससुराल सिंहपुर और खुद के गांव देवरा में भी हार गए। ससुराल में भाजपा को महज 196 व कांग्रेस को 519 वोट मिले।
60 साल में एक बार भाजपा जीती
चित्रकूट विधानसभा में भाजपा ने 1957 से लेकर अब तक सिर्फ एक बार जीत दर्ज की है। 2008 में भाजपा के सुरेंद्र सिंह गहरवार जीते थे। कांग्रेस के प्रेम सिंह यहां से 1998, 2003 और 2013 में जीते थे।
11 महीने तक विधायक रहेंगे नीलांशु चतुर्वेदी
2018 में प्रदेश में विधानसभा चुनाव होना है। उपचुनाव में जीतने वाले कांग्रेस के नीलांशु चतुर्वेदी सिर्फ 11 महीने के लिए विधायक बने हैं।
निर्दलियों की जमानत जब्त
भाजपा और कांग्रेस के बाद सबसे ज्यादा वोट नोटा को मिले। नोटा 2435 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहा। बाकी दस निर्दलीय उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई।
नेताओं ने कहा
जनता का फैसला स्वीकार है, फिर भी चित्रकूट के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। – शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री
चित्रकूट की जनता ने परंपरा को चुना है। हमने विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ा था, लेकिन जनता का फैसला कुछ और था। – नंदकुमार सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा
दिवंगत विधायक के कामों और लोगों के प्रति प्रेम के कारण कांग्रेस जीती है। कांग्रेस की जीत का शंखनाद हो गया है। – अरुण यादव, प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस