इस्लामाबादः भारत के लिए बेहद महत्वपू्र्ण माने जा रहे ईरान के चाबहार पोर्ट जिसको पाक के खिलाफ भारत की जीत माना जा रहा था को लेकर पाकिस्तानी मीडिया की खबरें कुछ और ही कहानी बयां कर रही हैं। चाबहार पोर्ट पहले फेज का उद्घाटन भारत के लिए बड़ी उपलब्धि माना जा रहा था। इस पोर्ट की मदद से भारत अब पाकिस्तान से गुजरे बिना ही अफगानिस्तान पहुंच सकता है।

माना जा रहा था कि रणनीतिक स्तर पर यह पोर्ट पाकिस्तान को भारत की ताकत दिखाएगा। लेकिन बंदरगाह के पहले चरण के उद्घाटन के मौके पर ईरान के प्रधानमंत्री के साथ पाकिस्तानी मंत्री की उपस्थिति को हैरानी की नजर और दोनों देशों के संबंधों में आए महत्वपूर्ण बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। गौरतलब है कि पाकिस्तान इस रणनीतिक परियोजना का हिस्सा ही नहीं है। परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन पिछले हफ्ते ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी ने किया था। इस अवसर पर पाकिस्तान के बंदरगाह मंत्री हासिल खान बिजेंजो भी उनके साथ खड़े नजर आए।

पाकिस्तान के अखबार ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने इस बारे में लिखा है, ‘यह महज संयोग नहीं है। हासिल खान बिजेंजो को एक सोचे-समझे कदम के तहत रुहानी के पास खड़े होने को कहा गया था।’ अखबार ने ईरान के वरिष्ठ राजनयिक के हवाले से कहा है, ‘इस कदम का उद्देश्य स्पष्ट है…ईरान यह स्पष्ट संदेश देना चाहता है कि वह भारत या किसी अन्य देश को चाबहार का इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ करने की इजाजत नहीं देगा।’ अखबार के मुताबिक ईरान व पाकिस्तान के बीच इस तरह के सहयोग का यह पहला मामला असाधारण है और यह दोनों पड़ोसी देशों के रिश्तों में आए महत्वूपर्ण बदलाव का संकेत भी है

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