लोकसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच रेलवे पुलिस ने पिछले दिनों चलती ट्रेन से हुई तीन करोड़ रुपए की चोरी के मामले का पर्दाफाश किया है। हवाला की यह रकम भोपाल से मुंबई भेजी जा रही थी। खंडवा के पास पुलिस की वर्दी पहने लोगों ने चेकिंग के नाम पर रुपए से भरा बैग उड़ा लिया। पुलिस ने चोरी गई राशि में से डेढ़ करोड़ बरामद कर लिए हैं। आरोपितों ने रुपए घर में कूलर, मिट्टी के घड़े में छिपा दिए थे। बताया जाता है कि जिंदगी में पहली बार इतने रुपए एक साथ देख आरोपितों की हालत पागल जैसी हो गई थी। उन्होंने एक तांत्रिक को 15 लाख रुपए इस बात के लिए दे दिए कि पुलिस मामले में उनके घर तक नहीं पहुंचे।

एडीजी (रेल) अरुणा मोहन राव ने बुधवार को बताया, भोपाल के विकास यादव ने 19 मार्च को खंडवा जीआरपी थाना में शिकायत दर्ज कराई थी। उसमें बताया कि वह 12-13 मार्च को महानगरी एक्सप्रेस से इटारसी से दादर रवाना हुआ था। वह ट्रेन के एस-10 नंबर कोच में बैठा था। छनेरा स्टेशन के पास चार युवक आए। उनमें से एक सब इंस्पेक्टर की वर्दी में था, जबकि दो सिपाही की वर्दी में थे। चारों चेकिंग के बहाने कोच के गेट तक ले आए और बैग चोरी कर लिया। बैग में 5 लाख रुपए नकद रखे थे। विकास ने बताया था कि यह रुपए वह भोपाल निवासी चिंटू तेजवानी के कहने पर मुंबई ले जा रहा था।

केस दर्ज कर रेलवे पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और सायबर सेल के जरिए अहम सुराग हासिल कर लिए। जीआरपी थाना प्रभारी बीएस कौरव ने दमोह निवासी अक्षय कुंदवानी (22) और चचेरे भाई देवेश (22) को हिरासत में भी ले लिया। इस बीच मंगलवार को अहमदाबाद निवासी मेहुल पटेल खंडवा जीआरपी थाना पहुंचे। उन्होंने शिकायत दर्ज कराई कि 12-13 मार्च को वह भी अपनी कंपनी मेकटेल के तीन करोड़ रुपए लेकर महानगरी एक्सप्रेस में सफर कर रहे थे। उनका बैग भी वर्दी पहने गिरोह ने चोरी कर लिया था। पुलिस ने जब अक्षय और देवेश से पूछताछ की तो उन्होंने साथी पचोर निवासी संजय जाटव (38), इटारसी निवासी नारायण आहूजा (19) और भोपाल निवासी मोनू सिंधी के साथ मिलकर वारदातों को अंजाम दिया है।

पुलिस ने संजय जाटव और नारायण आहूजा को भी गिरफ्तार कर उनसे 1 करोड़ 51 लाख 60 हजार रुपए बरामद कर लिए हैं। संजय के पिता देवीलाल जाटव रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर हैं। संजय ने उनकी पुरानी वर्दी को वारदात के लिए इस्तेमाल किया था। संजय वर्तमान में अक्षय कुंदवानी के साथ इंदौर की फर्म इंफ्राबुल में काम कर रहा था। देवेश का दमोह में सीमेंट का कारोबार है।

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