रायपुर. जम्मू-कश्मीर के 2010 बैच के आईएएस टॉपर शाह फैसल ने बुधवार को इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि घाटी में लगातार लोग मर रहे हैं और सरकार कुछ कर नहीं रही। इसके विरोध में इस्तीफा दिया है। 4 महीने पहले 2005 बैच के आईएएस अफसर ओपी चौधरी ने छत्तीसगढ़ में रायपुर के कलेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया था। वे भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े पर 17 हजार वोट से हार गए। ओपी चौधरी ने शाह फैसल से उनके फैसले पर कुछ जरूरी सवाल किए…
चौधरी : देश के और खासकर घाटी के युवा आपको आदर्श मानते रहे, आपके फैसले से उन्हें निराशा नहीं होगी?
फैसल : मैं अपनी सर्विस को बुरा नहीं मानता। मेरा काम अच्छा नहीं चल रहा था, ऐसा भी नहीं था। मैं जो भी हूं वो आईएएस होने की वजह से ही हूं।
चौधरी : आप बतौर आईएएस अधिकारी क्या नहीं कर पा रहे थे, जो राजनीति में आकर करना चाहते हैं?
फैसल : मैं फ्रीडम ऑफ स्पीच की कमी महसूस करता था। मेरी 8 साल की सर्विस में 3 बार कुछ बयान देने या बोलने की वजह से शो कॉज नोटिस दिया गया। मुझे राजनीति में वो आजादी मिलेगी।
चौधरी : इस फैसले के लिए आपका मोटिवेटर कौन है? कोई कश्मीरी पॉलिटीशियन? उमर या महबूबा?
फैसल: मैं अपने हर फैसले और सीख के पीछे सुभाष चंद्र बोस को आदर्श मानता हूं। किसी एक कश्मीरी पॉलिटिशियन का नाम लेना मुश्किल होगा।
चौधरी : कश्मीर समस्या का कारण क्या है? इतिहास, केंद्र सरकार या वहां की अवाम का रिएक्शन?
फैसल : कश्मीर के युवा पागल नहीं हैं, जो वो ऐसे मरते हैं। ऐसा कारण जरूर है, जिसकी वजह से वे आतंकी बनते हैं या पत्थर फेंकते हैं। कश्मीर की समस्या इतिहास से जुड़ी है, जिसे केंद्र सरकार को समझना होगा। ये देखना ही होगा कि ऐसा क्या है, जिसकी वजह से हमारा घर से बाहर निकलना तक मुश्किल होता जा रहा है।
चौधरी : कश्मीर की अवाम तो लोकतंत्र में भरोसा नहीं करती? फिर राजनीति के लोकतांत्रिक तरीके से आप कैसे उनका दिल जीत सकेंगे?
फैसल : कश्मीर के लोगों को लगता है कि यहां लोकतंत्र नहीं है। यहां के विधायक दिल्ली के आदेश के बगैर कुछ नहीं करते। इसलिए हमें स्थिर सरकार और लोकतंत्र की सबसे अधिक जरूरत है।
चौधरी : कश्मीर में 4 महीने बाद चुनाव होने हैं। क्या इतने कम वक्त की राजनीति में लोग आपको अपना लेंगे?
फैसल : मैंने फील्ड में जाकर लोगों के बीच काम किया है। लोग मुझे जानते हैं और वो मुझे अपनाएंगे। मुझे राजनेताओं के अपनाने के बारे में नहीं सोचना।
चौधरी : कश्मीर की समस्या क्या है?
फैसल : यही कि भारत सरकार हमें समझ ही नहीं रही है।
चौधरी : कौन सी पार्टी ज्वाइन करेंगे? कश्मीर की राजनीति तो परिवारों की है, आप कहां खुद को करीब पाते हैं?
फैसल : मैं कोई न कोई मौजूदा पार्टी ही ज्वाइन करूंगा। लेकिन कौन सी, ये जल्द ही बताऊंगा। राजनीति में परिवारों का दबदबा ट्रैजेडी है। इसके लिए मेरे जैसे लोगों की राजनीति में जरूरत है।