ग्वालियर। मध्य प्रदेशके ग्वालियरशहर में सर्दी अब जानलेवा हाे गई है। रात के तापमान में लगातार गिरावट होने के साथ ही शहर में ब्रेन और हार्ट अटैक के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। पिछले 10 दिन में ऐसे 19 मरीजाें ने दम ताेड़ा। 11 लाेगाें की माैत ब्रेन अटैक और 9 की माैत हार्ट अटैक की वजह से हुई। इस दाैरान न्यूराेलाॅजी की ओपीडी में करीब 800 और कार्डियाेलाॅजी की ओपीडी में 400 मरीज पहुंचे। इनमें से 40 फीसदी मरीज ब्रेन और हार्ट अटैक वाले थे।
ब्रेन अटैक से पीड़ित कुल 87 मरीज भर्ती इस दाैरान भर्ती किए गए। इनमें से 10 की जान नहीं बचाई जा सकी। एक मरीज की गुरुवार को जेएएच की कैजुअल्टी पहुंचने से पहले ही मौत हो गई। जबकि कार्डियोलॉजी विभाग में 143 मरीज भर्ती किए गए। इनमें से 8 की इलाज के दाैरान मौत हो गई। डॉ. दिनेश उदैनिया कहना है कि हार्ट पेंशेंट के लिए जल्दी सुबह की सैर घातक हाे सकती है। सर्दी में खून गाढ़ा होने लगता है इसलिए कोरोना से ठीक हाे चुके मरीज, हार्ट और डायबिटीज पीड़ित लोगों को विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है।
वहीं डॉ. पुनीत रस्तोगी का कहना है कि जिन लोगों को पहले कोरोना हो चुका है या जो पुराने हार्ट अटैक व ब्लडप्रेशर के मरीज हैं, वे धूप निकलने के बाद ही घर से निकलें। उनका सिर ढंका होना चाहिए और मास्क पहनने के साथ पैरों में मोजे पहनें।
सर्दी के मौसम में फाइब्रिनोजेन नामक पदार्थ शरीर में बनने लगता है। इस कारण खून गाढ़ा होने लगता है और ब्लडप्रेशर बढ़ जाता है। जब ब्रेन में खून पहुंचने में रुकावट आती है ताे ब्रेन अटैक हाेता है। यही खून हार्ट में नहीं पहुंच पाता तो हार्ट अटैक होता है। यदि आपके हाथ-पैर अचानक सुन्न पड़ जाएं या काम करना बंद कर दें, आवाज लड़खड़ाने लगे, आवाज बंद हो जाए, यकायक बेहोश हो जाएं, सीने में तेज दर्द और घबराहट हो ताे तत्काल डाॅक्टर काे दिखाएं। ब्रेन और हार्ट अटैक के ये ही लक्षण हैं।