ग्वालियर। ग्वालियर पुलिस ने आज देश के बड़े स्कूलों से लेकर विश्वविद्यालयों तक की फर्जी्र मार्कशीट व डिग्री उपलब्ध कराने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ कर उसके एक मुख्य सरगना को दबोचा है। पकड़े गये सरगना का नाम राजीव गोगले हैं। पुलिस अब इससे पूछताछ कर इसके साथियों व मार्कशीट खरीदने वाले लोगों की धरपकड़ करेगी।
उक्त जानकारी आज ग्वालियर के पुलिस अधीक्षक हरिनारायण चारी मिश्रा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक क्राइम आलोक कुमार सिंह व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पश्चिम दिनेश कौशल ने दी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पुलिस को एक युवक कुलदीप सिंह पुत्र सुरेश सिंह निवासी महलगांव ने शिकायत की थी, ग्वालियर में सक्रिय एक फर्जी अंकसूची उपलब्ध करने वाले युवक ने उसे अंकसूची के नाम पर ठग लिया है। इस आधार पर पुलिस ने अपना जाल बिछाया तो बारादरी चौराहे मुरार के पास एक कार्यालय में दबिश देकर राजीव गोगले निवासी थाटीपुर को दबोच लिया। यह व्यक्ति पिछले १० वर्षों से ग्वालियर में फर्जी मार्कशीट उपलब्ध कराने का कार्य करता है और ५० से ६० हजार रुपये से सौदा तय होने पर मार्कशीट व डिग्री उपलब्ध करा देता है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक क्राइम आलोक कुमार सिंह ने बताया कि राजीव गोगले के पास से देश के विभिन्न राज्यों के विश्वविद्यालय व बोर्डों की खाली मार्कशीट, डिक्री व सील सिक्के मिले हैं, जिसमें उत्तर प्रदेश राज्य मुक्त विश्वविद्यालय, सिंघानिया यूनिवर्सिटी झुंझनू राजस्थान, पैरा मेडीकल काउंसिल पंजाब, नर्सिंग असिस्टेंट, भारतीय खाद्य निगम, मोनड यूनिवर्सिटी हापुड़ (उ.प्र.), यूनिवर्सिटी ऑफ गोहाटी असम, माध्यमिक शिक्षा परिषद मोहाली, बोर्ड ऑफ हायर सेकेंडरी एज्यूकेशन दिल्ली सहित कई यूनिवर्सिटी व कॉलेज के नाम हैं। पकड़े गये सरगना ने बताया कि वह फर्जी मार्कशीट के कारोबार को पिछले १० वर्षों से कर रहा है और व्यक्ति द्वारा चाहे गये कॉलेज या यूनिवर्सिटी की मार्कशीट को ५० से ६० हजार रुपये में उपलब्ध करा देता है। पुलिस अब राजीव गोगले के खास सहयोगी सूर्यप्रकाश दुबे की तलाश में लगी है।

50 हजार में किसी भी कॉलेज यूनिवर्सिटी की मार्कशीट

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