ग्वालियर। नर्सिंग कांड की जांच रिपोर्ट का लिफाफा खुलते ही अधिकारी और कर्मचारियों के संलिप्त होने की पुष्टि हुई। इसकी जांच रिपोर्ट कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने राजभवन को भेज दी है। इसके बाद कुलपति के निर्देश पर कुलसचिव ने प्रभारी परीक्षा नियंत्रक को पद से हटाते हुए वापस विभाग में भेज दिया। वहीं कम्प्यूटर टेक्नीशियन और कार्यालय सहायक को निलंबित कर दिया और एआरों के प्रभार बदल दिए।
जीवाजी विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने बीएससी नर्सिंग चतुर्थ वर्ष (परीक्षा जून 2019) के ऐसे छात्रों को पास की मार्कशीट जारी कर दी थीं, जो फेल थे। इस फर्जीवाड़े को अंजाम देने अलग-अलग चार्ट बनाए गए थे। यह खुलासा कार्यपरिषद सदस्य अनूप अग्रवाल द्वारा शिकायते करने पर हुआ। इस पर जीविवि के अधिकारियों ने एक जांच कमेटी गठित की थी। जांच समिति ने विगत दिवस पहले ही जांच रिपोर्ट सौंप दी थी, लेकिन जेयू अधिकारी जांच रिपोर्ट को खोलना नहीं चाह रहे थे।
जांच रिपोर्ट का लिफाफा खोलने के लिए जब कार्यपरिषद सदस्यों और अभाविप के छात्र नेताओं ने दबाव बनाया तो कुलपति प्रो.संगीता शुक्ला को न चाहते हुए भी लिफाफा खोलना पड़ा। इसमें जांच समिति ने प्रभारी परीक्षा नियंत्रक प्रो.मुकुल तेलंग, कम्प्यूटर टेक्नीशियन एचके द्विवेदी और कार्यालय सहायक वंदन अहिरवार को संलिप्त पाया। इतना ही नहीं गोपनीय विभाग के प्रभारी एआर अमित सिसोदिया की भूमिका भी संदिग्ध दिखी। कुलपति प्रो.शुक्ला ने कमेटी की जांच रिपोर्ट राजभवन की ओर भेज दी है।
इधर, कुलपति प्रो.संगीता शुक्ला ने नर्सिंग कांड में संलिप्त अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई करने के आदेश दिए। आदेश मिलते ही कुलसचिव डॉ.आनंद मिश्रा ने प्रभारी परीक्षा नियंत्रक प्रो.मुकुल तेलंग को पद से हटाते हुए नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। साथ ही कम्प्यूटर टेक्नीशियन एचके द्विवेदी और कार्यालय सहायक वंदना अहिरवार को निलंबित कर दिया। इतना ही नहीं इस पूरे कांड में संदिग्ध दिखने वाले गोपनीय प्रभारी एआर अमित सोसियोदिया से गोपनीय का प्रभार छिनते हुए प्रशासन में भेज दिया है। प्रशासन के एआर साधना शर्मा को गोपनीय का प्रभार सौंपा है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र नेताओं ने 8 जनवरी को जीवाजी विवि में 6 घंटे तक प्रदर्शन किया था। इस दौरान उन्होंने कुलपति निवास का भी घेराव किया था। इसके एक दिन बाद कार्यपरिषद सदस्यों ने कुलसचिव को ज्ञापन सौंपा था, साथ ही रिपोर्ट की मांग की थी। इतना ही नहींं दोषियों पर कार्रवाई की मांग भी की थी। जब कहीं जाकर सोमवार को रिपोर्ट जारी हुई है और दोषियों पर कार्रवाई हुई है।