ग्वालियर। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के चचेरे भाई-भाभी की ग्रेटर नोएडा में उनके घर में ही हुई हत्या की वारदात को ग्वालियर के देव शर्मा और विशन सिंह भदौरिया ने अपने साथी रोहित वाल्मीक व सुभाष अहिरवार के साथ मिलकर अंजाम दिया था। देव शर्मा को तो ग्रेटर नोएडा पुलिस ने शनिवार सुबह ग्वालियर स्थित घर से उठा लिया था। उससे दिनभर पूछताछ में हत्या का राज खुल गया तो पुलिस रात में उसे गहने और रुपए बरामद करने के लिए दोबारा ग्वालियर लाई। 

रविवार देर रात बाकी तीन बदमाशों की लोकेशन ग्रेटर नोएडा के चूहडपुर अंडरपास की मिली तो ग्रेटर नोएडा पुलिस की दूसरी टीम ने रविवार तड़के तीनों को घेर लिया। बचने के लिए बदमाशों ने पुलिस पर गोलियां चलाईं तो पुलिस ने भी फायर ठोके। विशन सिंह भदौरिया के पैर में गोली लगी, जिससे वह घायल होकर गिर पड़ा। दो बदमाश भागने में सफल हो गए। घायल विशन को ग्रेटर नोएडा के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बदमाशों से पूछताछ में सामने आया है कि इन लोगों ने लूट के लिए बुजुर्ग दंपती नरेंद्र नाथ और सुमन नाथ की हत्या की थी।

हत्या करने के बाद चारों भागकर ग्वालियर आ गए। यहां देव तो घर पर रुका रह गया, जबकि तीन बदमाश यहां से भी भाग निकले। ग्रेटर नोएडा के अपर पुलिस आयुक्त(लॉ एंड ऑर्डर) लव कुमार ने बताया कि नाथ दंपती की हत्या के बाद सबसे पहले उन लोगों की सूची तैयार की गई, जिनका उनके घर आना-जाना था। इसमें रोहित वाल्मीक अलीगढ़, देव शर्मा निवासी गोवर्धन कॉलोनी, ग्वालियर, विशन सिंह भदौरिया निवासी सैनिक काॅलोनी ग्वालियर और सुभाष अहिरवार महोबा के नाम सामने आए। नरेंद्रनाथ के साथ यह लोग शराबखोरी भी करते थे।

इनके मोबाइल की कॉल डिटेल और घटना के दिन की लोकेशन निकाली गई तो लोकेशन घर पर मिली। इनकी लगातार आपस में बात हुई और नरेंद्रनाथ से भी संपर्क में रहे। यहीं से इनकी तलाश शुरू हुई। इनकी लोकेशन ग्वालियर मिली तो बीटा-2 थाने की टीम भेजी गई। देव शर्मा को ग्वालियर में मिल गया। विशन नहीं मिला तो उसके पिता को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया। देव से दिन में पूछताछ की तो उसने विशन, रोहित, सुभाष के साथ मिलकर हत्या करना स्वीकार किया। रात में फिर उसे लेकर ग्वालियर आए तो उसने घर में लूटे गए रुपए और गहने यहां छिपाए थे। यह बरामद हो गए।

ओला कैब से खुल गया राज

डीसीपी राजेश कुमार सिंह ने बताया कि जब चारों के मोबाइल नंबर सर्विलांस पर लगाए तो देव के मोबाइल से हत्या वाली रात ओला कैब बुक की गई। जब ओला कैब के ड्राइवर अफरोज खान तक पहुंचे तो उसने बताया कि नोएडा के पास साकीपुर गांव रोड पर स्थित ब्लैक वर्ड गेस्ट हाउस से चार युवकों ने बुकिंग की थी। इन्हें ग्वालियर के गोला का मंदिर इलाके में छोड़ा था। गेस्ट हाउस से चारों के आधार कार्ड से पता निकाला और ग्वालियर के लिए टीम भेजी। यहां देव मिल गया तो पूरा राज खुल गया।

दोनों आरोपियों के पास से एचडीएफसी, पीएनबी बैंक की पासबुक और ब्लैंक चेक जिन पर सुमननाथ के हस्ताक्षर थे। लाखों रुपए की छह एफडी, सुमननाथ के जेवर जिनकी कीमत करीब 15 लाख रुपए है, बरामद हुए हैं। इनसे 13 हजार रुपए मिले हैं, जो इन्हें हिस्से में मिले थे। 17 हजार रुपए अन्य बदमाशों के पास हैं।

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